ज्योति यादव, डोईवाला। ग्राम कुड़ीयाल की एकल पेयजल योजना जो कि दो स्रोत से जुड़ी हुई है, दूसरा स्रोत छतेन जो कि 2 बरस पहले आपदा से क्षतिग्रस्त हुआ था तीसरी आपदा आने वाली है उस पर आज तक भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है जबकि विभागीय अधिकारी हर बार ठेकेदार का बचाव करते नजर आए हैं। जिलाधिकारी देहरादून को भी पिछले वर्ष इस पेयजल स्रोत के बारे में लिखित में दिया गया था परंतु विभागीय अधिकारी द्वारा उसके जवाब में दिनांक 27 मई 2022 को पत्रांक 1502 दैवीय आपदा मुख्य विकास अधिकारी महोदय को प्रेषित पत्र में लिखा गया है कि इस क्षत्रिग्रस्त योजना का कार्य प्रगति पर है जबकि आज दिनांक 18 फरवरी 2023 तक इस पर किसी भी तरह का कार्य शुरू नहीं हुआ है।
कोई और विभागीय अधिकारियों/ठेकेदार द्वारा मुख्य स्रोत आमली से दो नई लाइने बिछा दी गई है और इसमें भी ग्रामवासियों को गुमराह किया जा रहा है और ना ही बताया जा रहा है कि यह दोनों लाइने कहां के लिए बिछाई गई हैं।
जबकि मुख्य स्रोत से कुड़ियाल गांव डेढ़ इंच की लाइन आ रही है और छतेन वाले चेंबर से आगे वही डेढ़ इंच की लाइन 2 इंच वाले पाइप में जोड़ दी गई है।
कई जगह पर अनियमितताएं देखी गई हैं पाइप हवा में ही झूलते नजर आ रहे हैं और पानी जगह-जगह लीक हो रहा है।यह भी शिकायत प्राप्त हुई है कि ना ही संबंधित ठेकेदार और ना ही इंजीनियर मुख्य स्रोत में विजिट करने जाते हैं।पेयजल उपभोक्ताओं की मांग है कि हमें हमारे दोनों स्रोत से ही पेयजल उपलब्ध कराया जाए जिससे कि गर्मी में पेयजल संकट उत्पन्न ना हो सके,दूसरी तरफ गांव में भी डिस्ट्रीब्यूशन वाली लाइन के लिए नाली खोदकर छोड़ दी गई है जबकि यह रास्ता स्कूली बच्चों के थानों देहरादून भोगपुर आने जाने का मुख्य रास्ता भी है।
इसमें नाली खोदकर खुली छोड़ने से कभी भी स्कूली बच्चों और राहगीरों,आने जाने वालों को दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं बनी हुई है जिसके लिए विभाग खुद जिम्मेदार होगा। महीपाल सिंह कृषाली,सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सरकार से यह मांग की गई है कि ग्राम कुड़ीयाल की एकल पेयजल योजना का भौतिक सत्यापन अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी के साथ में किसी अन्य बाहरी एजेंसी द्वारा इस योजना का मुख्य स्रोत से गांव तक भौतिक सत्यापन कराया जाए जिससे की वस्तु स्थिति का पता चल सके और सरकार द्वारा किए गए धन का सदुपयोग सही तरीके से हो सके।