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अपनी ही बंदूक से चली गई जान

ऊधमसिंहनगर। रिटायर्ड फौजी वीरेंद्र सिंह रावत मंगलवार सुबह सड़क पार कर सेंट्रल बैंक जा रहे थे कि तभी वो रामनगर की तरफ से आ रही एक बाइक से टकरा गए, जिससे वो गिर पड़े, जिससे उनके हाथ में थमी बंदूक का ट्रिगर दब गया। एक गोली बंदूक से निकली और वीरेंद्र की जांघ में जा लग गई जिससे वो लहूलुहान हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वो बच नहीं सके। वीरेंद्र सिंह रावत फौज से रिटायरमेंट के बाद बैंक में सुरक्षा गार्ड के तौर पर तैनात थे। ड्यूटी के वक्त उनके पास बंदूक हमेशा रहती थी। जिस बंदूक को वीरेंद्र दूसरों की सुरक्षा के लिए हमेशा साथ रखते थे, मंगलवार को उसी बंदूक ने उनकी जान ले ली।
घटना काशीपुर इलाके की है। जहां सड़क पार करते वक्त एक सुरक्षा गार्ड की बंदूक की बेल्ट सड़क पर चल रही एक बाइक के क्लच में फंस गई। इससे बंदूक का ट्रिगर दब गया और गोली चलने से खुद सुरक्षा गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दुखद हादसे में जान गंवाने वाले वीरेंद्र सिंह रावत 48 साल के थे। मूलरूप से पौड़ी के धुमाकोट के रहने वाले वीरेंद्र इन दिनों परिवार के साथ जुड़का गांव में रह रहे थे।

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