देहरादून। लगातार हो रहे घाटे और पहले से चल रहे कर्ज के कारण परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है। लिहाजा निगम अब पुरानी बसों को ही चरणबद्ध तरीके से सीएनजी बसों में परिवर्तित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इसके लिए टेंडर भी आमंत्रित कर लिए गए हैं। परिवहन निगम के पास अभी 1357 बसों का बस बेड़ा है। इनमें से 988 बसें परिवहन निगम की अपनी हैं। शेष 369 बसें अनुबंध के आधार पर चलाई जा रही हैं।
निगम की कई बसें अब उम्र पूरी होने के कगार पर खड़ी हैं। इसे देखते हुए इनके स्थान पर नई बसों की खरीद की योजना बनाई गई। इस दौरान यह भी निर्णय लिया गया था कि निगम पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सीएनजी बसों का संचालन शुरु करेगा। नई बसों में कुछ बसें सीएनजी भी खरीदी जाएंगी। कुछ नई बसें खरीदी भी गई, मगर इनमें तकनीकी खामियां आने के कारण सवाल उठे।
इस बीच बीते वर्ष मार्च में कोरोना के कारण देशभर में लाकडाउन लग गया। इसका सीधा असर परिवहन निगम की कमाई पर पड़ा। स्थिति यह बनी कि निगम को अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए। निगम के घाटे के कारणों पर चर्चा की गई। यह बात सामने आई कि डीजल और पेट्रोल की लगातार बढ़ रही कीमतें भी इसकी एक प्रमुख वजह है। ऐसे में सीएनजी बसों के संचालन की बात हुई। निगम के घाटे और पुराने कर्ज को देखते हुए नई बसों को खरीदने से गुरेज किया गया।
दरअसल, परिवहन निगम अभी तकरीबन 520 करोड़ के घाटे में चल रहा है। इसके अलावा बस खरीद के रूप में उसने सरकार व निजी बैंकों से 141 करोड़ रुपये का कर्ज भी ले रखा है, जो वापस करना है। ऐसे में निगम की मौजूदा बसों को ही चरणबद्ध तरीके से सीएनजी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन का कहना है कि बसों को सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। जल्द ही बसों को सीएनजी में परिवर्तित करना शुरू कर दिया जाएगा।