Kishore Upadhyay Relieved From All Posts : कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को कांग्रेस ने सभी पदों से मुक्त कर दिया है और बताया जा रहा है इसका कारण बीजेपी से नजदीकी है। फिलहाल अटकले ये है कि किशोर उपाधयाय जल्द बीजेपी जॉइन कर सकते है। किशोर उपाध्याय कई समय से कांग्रेस में न खुश दिख रहे थे। पार्टी में तब्बजो ना देना ये अहम वजह भी है।
Kishore Upadhyay Relieved From All Posts : किशोर उपाध्याय प्रकरण के बहाने कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाज़ी
किशोर उपाध्याय प्रकरण के बहाने कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाज़ी अब पूरी तरह से सतह पर आ गयी है। दरअसल कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व में दो ही सख्स है जिनकी दखल चल रही है और यह है नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लिहाजा चहेतो को टिकट देना भी इन्ही के निर्णय पर आधारित है ,,,,,, किशोर भी चाहते है कि उनके चहते को भी टिकट दिया जाए और साथ ही उनको भी मन के मुताबिक सीट मिले ,,,,, सूत्रों की माने तो पिछले कई समय से बीजेपी उपाध्यय पर डोरे डाल रही है अपने पाले में लेने के लिए बीजेपी प्रभारी ओर किशोर की गुपचुप मुलाकात भी हुई है ,,,,,,, हालांकि किशोर इस बात को नकार रहे है कि बीजेपी प्रभारी दुष्यन्त कुमार से मिलना खास वजह नही है ,,,,,अटकलों की माने तो एक सूत्र ये कह रहे है कि वह बीजेपी में शामिल होने के लिए सीधे पीएम के साथ मुलाकात कर उनके समक्ष होकर बीजेपी में शामिल होने का समय देख रहे है,,,,,
Kishore Upadhyay Relieved From All Posts : नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में बनी प्रदेश की पहली निर्वाचित सरकार
बता दें उपाध्यय टिहरी विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे है 2014 से 2017 तक पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष थे। नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में बनी प्रदेश की पहली निर्वाचित सरकार में उपाध्याय राज्य मंत्री रहे थे। 2017 के चुनावो में वो टिहरी की सीट छोड़कर देहरादून की सहसपुर से चुनाव लड़े थे और उनको हार का सामना करना पड़ा था। कुछ महीनो पहले उन्होंने इस हार का दोष हरीश रावत पर मढ़ा था जिसको हरीश रावत ने निराधार बताया था ।
Kishore Upadhyay Relieved From All Posts : कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाना एक बड़ी खतरे की घंटी
किशोर उपाध्याय कांग्रेस के बड़े नेताओ में शुमार है और पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है। ऐसे समय में जब सभी राजनैतिक पार्टिया सध सध के कदम रख रही है ऐसे में उपाध्याय का कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाना एक बड़ी खतरे की घंटी माना जा रहा है जो कई राजनैतिक समीकरण बिगड़ सकती है।