दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार, जानिए क्या कहा

उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि वह आक्सीजन कंसंट्रेटर का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) निर्धारित करने के लिए एक फार्मूला क्यों नहीं बना सकती। अदालत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इलाज में व्यापक तौर पर इस्तेमाल होने वाले आक्सीजन कंसंट्रेटर का मूल्य तय नहीं होने से लोगों से इसकी अत्याधिक राशि वसूली जा रही है।
अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा कीमतों को तय करने में असमर्थता जताने पर यह निर्देश दिया। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने कहा कि हम सरकार को इसका मूल्य रुपये या पैसे में तय नहीं करने के लिए कह रहे हैं, बल्कि एक सिद्धांत तय करने के लिए कह रहे हैं जिस पर आक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे जाएंगे।
पीठ ने कहा कि सरकर को यह समझना चाहिए कि यदि वह कोरोना महामारी जैसे एक असाधारण परिस्थिति में हस्तक्षेप नहीं करेंगे तो कब करेंगे। उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी भी उत्पाद की कीमत की सीमा होनी चाहिए, क्योंकि किसी भी चीज की कीमत असीमित नहीं हो सकती। अदालत ने सवाल उठाया कि कल कोई चीनी निर्माता कंपनी कहेगी कि वह इसे 5 गुणा कीमत पर बेचेगी तो क्या हम इसकी अनुमति देंगे, उपभोक्ताओं व मरीजों के हित में अनुमति नहीं दी जा सकती। उच्च न्यायालय ने सख्त लहजे में कहा कि एक सरकार के तौर पर यह आपकी जिम्मेदारी है कि यह तय किया जाए कि लोग वास्तव में उत्पाद का खर्च उठाने में सक्षम हों और उन्हें अपनी नाक से ज्यादा यानी काफी अधिक कीमत का भुगतान नहीं करना पड़े।