जो बाइडन की पहली यूरोप यात्रा, पढ़े पूरी खबर
सप्ताह की अपनी पहली यूरोप-यात्रा में अमेरिका के नये रष्ट्रपति जो बाइडन ने तीन बहुराष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों में भाग लिया। अंतिम दिन जेनेवा में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन के साथ साढ़े तीन घंटे तक द्विपक्षीय वार्ता की। राष्ट्रपति जो बाइडन की यूरोप-यात्रा शुरू होने से ठीक पहले, उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सलिवन ने वॉशिगटन में स्पष्ट कर दिया था कि उनकी यह यात्रा ‘रूस, और ख़ासकर चीन की सर्वसत्तावादी शासन प्रणालियों के विरुद्ध पश्चिमी लोकतांत्रिक देशों को एकजुट करने के लिए’ हो रही है।
राष्ट्रपति जो बाइडन और जी-7
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूरोप में जिन तीन बहुराष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों में भाग लिया, उनमें यूरोपीय नेताओं को रूस से अधिक चीन के प्रति सावधान रहने की अपील करते दिखे।
ब्रिटेन के कैर्बिस-बे में 12 जून को शुरू हुए पहले शिखर सम्मेलन में ‘जी-7’ कहलाने वाले विश्व के सात सर्वप्रमुख लोकतांत्रिक औद्योगिक देशों के शीर्ष नेता भाग ले रहे थे।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने इस बार भारत, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के सरकार-प्रमुखों को भी अतिथियों के तौर पर आमंत्रित किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो के माध्यम से सबको संबोधित किया, जबकि अन्य नेता कैर्बिस-बे में उपस्थित थे।
वहां ‘जी-7’ के अमेरिका, कैनड़ा ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान के नेताओं ने ग़रीब देशों में आधारभूत ढांचो के निर्माण में उन्हें सहायता देने की एक पहल का निर्णय लिया। इसे वे चीन द्वारा चलाए जा रहे ‘बेल्ट ऐन्ड रोड इनिशियेटिव’ और ‘नए रेशम मार्ग’ के विकल्प के रूप में पेश करना चाहते हैं। उनका कहना है कि यह पहल चीन की साहूकारी से भिन्न ”पारदर्शी साझेदारी” पर आधारित होगी। यह भी तय हुआ कि ‘जी-7’ के देश ग़रीब देशों के लिए 2022 के अंत तक कोविड-19 से बचाव के दो अरब 30 लाख टीके उपलब्ध करेंगे।