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उत्तराखंड में रुक रुककर हो रही है बारिश, चारधाम की ऊंची पहाड़ियों पर हुई बर्फबारी

It is raining intermittently in Uttarakhand, snowfall on the high hills of Chardham

देहरादून: मानसून की विदाई के बावजूद उत्तराखंड में मौसम दो दिन संवेदनशील हो सकता है। मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार के लिए प्रदेश में रेड अलर्ट जारी किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर राज्य में भारी बारिश से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों के विषय में जानकारी ली एवं केंद्र सरकार द्वारा राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

चेतावनी के मद्देनजर फिलहाल चार धाम यात्रा रोक दी गई है। एहतियातन श्रद्धालुओं को अगले आदेश तक विभिन्न पड़ावों पर ही ठहरने को कहा गया है। साथ ही, सभी 13 जिलों में सोमवार को 12वीं तक के स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव एसएस संधू से हालात से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद शासन ने राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, आपदा प्रबंधन से जुड़े महकमों को हाई अलर्ट पर रखा है। अफसरों को जिला मुख्यालय न छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, गंगोत्री व यमुनोत्री की पहाड़ियों सहित नेलांग घाटी में बर्फबारी हो रही है ।

उत्‍तराखंड में मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार रुक रुककर बारिश हो रही है। देहरादून, टिहरी, चमोली, उत्‍तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, ऋषिकेश, कोटद्वार, मसूरी में रात्रि से बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अलर्ट के चलते तीर्थयात्रियों को विभिन्‍न पड़ावों पर रोका गया है। बदरीनाथ हाईवे सुचारु है। उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग चिन्यालीसौड के निकट नगुण में भूस्खलन होने से बाधित हो गया था, जिसे सुचारु कर दिया गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग खरादी और किसाला के पास अवरुद्ध हो गया है।

हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा से नीचे बह रही

हरिद्वार और आसपास क्षेत्रों में भी लगातार बारिश जारी है। गंगा चेतावनी स्तर से करीब 3 मीटर नीचे बह रही है। चेतावनी स्तर 293 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 294 मीटर है। मौसम विभाग की चेतावनी के दृष्टिगत आपदा की स्थिति से निबटने के लिए एनडीआरएफ की 31 सदस्यीय टीम मय उपकरण हरिद्वार पहुंच चुकी है। टीम पुलिस लाइन रोशनाबाद में है। रुड़की और आसपास के क्षेत्र में भी हल्‍की बारि‍श हो रही है।

देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अरब सागर से उठे पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में यह बदलाव आ रहा है। उन्होंने बताया कि इसका असर पूरे प्रदेश में देखने को मिलेगा। मैदानी क्षेत्रों में 70-80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है। इसके अलावा ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात की संभावना है। इस बीच प्रदेश में पहाड़ से लेकर मैदान तक घने बादल छाए रहे और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हुई। इसके अलावा बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में बूंदाबांदी के साथ ही चोटियों पर हिमपात की सूचना है।

 

रविवार को 18 हजार श्रद्धालु केदारनाथ और 10 हजार बदरीनाथ पहुंचे

बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री पहुंच रहे हैं। विशेषकर केदारनाथ में यात्रियों का तांता लगा है। शनिवार को करीब 16 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए, वहीं रविवार को यह संख्या लगभग 18 हजार रही। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि दर्शनों के बाद श्रद्धालुओं को वापस भेजा जा रहा है। पैदल मार्ग पर एसडीआरएफ और पुलिस की टीम तैनात है। उन्होंने बताया कि फिलहाल केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग, गुप्तकाशी और फाटा में रोका गया है।

वहीं, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि रविवार को करीब दस हजार यात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने बताया कि धाम में 15 हजार से अधिक यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। वहीं धाम जाने वाले यात्रियों को जोशीमठ और पांडुकेश्वर में रोका जा रहा है। दूसरी ओर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि रविवार को 479 यात्रियों ने गंगोत्री और 839 ने यमुनोत्री धाम में दर्शन किए। यमुनोत्री धाम से सभी यात्री बड़कोट पहुंच गए हैं, वहीं गंगोत्री से भी ज्यादातर श्रद्धालु हर्षिल लौट आए। वहीं, हरिद्वार जिले में उत्तर प्रदेश से सटी सीमाओं और ऋषिकेश में बस, टैक्सी स्टैंड के साथ ही रेलवे स्टेशन पर भी एनाउंसमेंट किया जा रहा है। तटीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।

19 अक्टूबर तक पर्वतारोहण पर पाबंदी

मौसम विभाग के अलर्ट के बाद नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क व अन्य वन प्रभागों में ट्रैकिंग व पर्वतारोहण पर पाबंदी लगा दी गई है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के निदेशक अमित कंवर ने बताया कि दोनों दिन भारी बारिश के साथ ही, हिमपात, आकाशीय बिजली गिरने और तेज हवा चल सकती है।

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