दिल्ली। भारतीय नेवी ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के नौसैन्य संस्करण का बंगाल की खाड़ी में मंगलवार को कामयाब परीक्षण किया। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में बताया। सेना के तीनों अंगों द्वारा मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है। इसी के तहत ब्रह्मोस मिसाइल के नौसैन्य संस्करण का परीक्षण किया गया। भारतीय नौसेना ने छह सप्ताह पहले अरब सागर में भी मिसाइल का इसी तरह का परीक्षण किया था ।
भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एरोस्पेस ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्माण किया है। इन मिसाइलों को पनडुब्बी, जहाज या जमीनी प्लेटफॉर्म से छोड़ा जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को मिसाइल का परीक्षण ‘सफल’ किया गया। भारतीय थल सेना ने 24 नवंबर को सतह से सतह पर मार करने में सक्षम मिसाइल का परीक्षण किया था। इसकी रफ्तार आवाज की गति से करीब तीन गुना तेज या 2.8 मैक की है। मिसाइल के जमीन से छोड़े जाने वाले संस्करण की रेंज को भी 400 किलोमीटर तक बढ़ाया गया है।
भारत, लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात कर चुका है। पिछले ढाई महीने में भारत ने एंटी-रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-एक, समेत कई मिसाइलों का परीक्षण किया है । रूद्रम-एक को सेवा में 2022 तक शामिल किए जाने की संभावना है। भारतीय वायु सेना ने 30 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में सुखोई लड़ाकू विमान से मिसाइल का परीक्षण किया था। वायु सेना अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए 40 से ज्यादा सुखोई लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को शामिल करने वाला है।