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राजधानी दिल्ली में ब्लैक फंगस का बढ़ता खतरा , अब तक 300 मरीज आए सामने

On one hand, new cases of corona are decreasing in the capital, on the other hand black fungus is increasing rapidly. The situation is that in the last seven days, 300 patients have been admitted to different hospitals. Due to lack of injections, these patients have to undergo surgery. Black fungus is proving fatal in patients recovering from corona infection. Two people have died of black fungus in Delhi this year. When the situation worsened, the doctors had to remove the patient's eye by performing an immediate operation. Even after this, the patient's life could not be saved. In November last year, Sir Gangaram confirmed the death of five patients due to black fungus, but this year this is the first case in Delhi so far. While this is the third case of eye removal. On Wednesday, Managing Director of Akash Hospital in Dwarka, Dr. Ashish Chaudhary said that during the last three weeks, some patients from Uttar Pradesh and Haryana had come to him with complaints. Two patients suffering from problems such as loss of eyesight, rapid pain on the face were admitted. Both of these patients had to undergo operations, of which the patient died after surgery.

एक ओर राजधानी में कोरोना के नए मामले कम हो रहे हैं तो दूसरी ओर ब्लैक फंगस तेजी से बढ़ रहा है। हालात ये हैं कि बीते सात दिनों में 300 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। इंजेक्शन की कमी के कारण इन मरीजों को आपरेशन कराने पड़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले रोगियों में ब्लैक फंगस जानलेवा साबित हो रहा है। दिल्ली में इस साल ब्लैक फंगस से दो लोगों की मौत हो गई है। स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टरों को तत्काल ऑपरेशन करके मरीज की आंख निकालनी पड़ी थी।  इसके बाद भी मरीज की जान नहीं बच सकी। पिछले साल नवंबर माह में सर गंगाराम ने ब्लैक फंगस की वजह से पांच मरीजों की मौत होने की पुष्टि की थी, लेकिन इस साल दिल्ली में यह पहला मामला ही अब तक सामने आया है। जबकि आंख निकालने को लेकर यह तीसरा मामला है। बुधवार को द्वारका स्थित आकाश अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष चौधरी ने बताया कि उनके यहां पिछले तीन सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश और हरियाणा से कुछ मरीज शिकायत लेकर पहुंचे थे। आंखों की रोशनी कम होना, चेहरे पर तेजी से दर्द होने जैसी समस्याओं से ग्रस्त दो मरीजों को भर्ती किया था। इन दोनों ही मरीजों के ऑपरेशन करने पड़े थे, जिनमें से मरीज की सर्जरी के बाद मृत्यु हो गई।

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