उत्तराखंड में बेरोजगारी का मुद्दा खूब छाया हुआ है. जुलाई में जब विधायक पुष्कर धामी ने बतौर सीएम राज्य की कमान संभाली तो चंद घण्टों के भीतर ही उन्होंने विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े करीब 24 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की. 19 सितम्बर को सीएम ने बताया कि करीब 6,000 पदों के लिए भर्ती का अधियाचन भेजा जा चुका है. अगले एक दो महीने में ये संख्या दुगुनी होने का अनुमान है।उत्तराखंड में मौजूद करीब अस्सी लाख वोटर्स में करीब 57 फीसदी वोटर्स युवा वर्ग से हैं. करीब 44 लाख के आसपास युवा वोटर्स का आंकड़ा है. ऐसे में इतने बड़े वोट बैंक को कोई भी नजरअंदाज नहीं करना चाहता. यही कारण है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अचानक बेरोजगार और बेरोजगारी सियासत का केंद्र बन गया.
कांग्रेस अधिकारी ने बेरोजगारी पर कसा तंज साथ ही की एक बड़ी घोषणा।
हाल ही में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने राज्य में बढ़ती बेरोजगारी पर तंज कसा और घोषणा की कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. इसके बाद आम आदमी पार्टी भी मैदान में आई. रविवार को दिल्ली से उत्तराखंड पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने तो इससे भी दो कदम आगे बढ़कर घोषणा कर डाली कि अगर आप सत्ता में आई तो छह महीने के भीतर एक लाख नौकरियों का सृजन किया जाएगा. नौकरी लगने तक बेरोजगारों को पांच हजार रुपए प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का किया वादा।
रिपोर्टर संध्या कौशल।