उत्तर प्रदेशउन्नाव

उन्नाव जिले में चलता है चकबंदी विभाग व राजस्व विभाग का मोटा खेल|

शादाब अली,उन्नाव: जिले में नहीं थम रहा है रिश्वत का खेल चाहे चकबंदी सफीपुर रहा हो और चाहे बांगरमऊ लेखपालों का हमेशा दबंग चेहरा नजर दिखाई देता है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंसूबे को पूरी तरह यहां के अधिकारियों द्वारा पलीता लगाया जाता है कार्रवाई करना तो दूर रहा उनको चेतावनी तक भी नहीं दी जाती है क्योंकि ऐसे अभी पहले तहसील बांगरमऊ में लेखपाल सौरभ पर भी कई बार आरोप लगते हैं लेकिन दबंग सौरभ लेखपाल के आगे अधिकारी कार्रवाई करने में सक्षम साबित होते हैं।

उन्नाव जिले की बांगरमऊ तहसील अंतर्गत माढापुर चकबंदी ऑफिस में किसानों को बुरी तरह से लूटा जा रहा है इससे पहले बांगरमऊ मुस्काबाद के चकबंदी पेशकार को भी इसी तरह रिश्वत लेते हुए देखा गया था लेकिन किसी तरह की कोई कार्यवाही न होने के के कारण चकबंदी विभाग के लेखपाल और कानूनगो रिश्वत लेने से बाज नहीं आते हैं मौके पर जब पत्रकारों की टीम पहुंची तो उस समय हाफिजाबाद निवासी हनीफ अली के पिता की वरासत की बात चल रही थी जैसा कि उसने बताया कि कानूनगो चकबंदी माढापुर ने हमसे सिर्फ रिपोर्ट लगाने के ₹1000 मांगे थे प्रार्थी ने जब काफी हाथ पैर जोड़ा तो ₹400 लेकर रिपोर्ट लगाने का आश्वासन दिया इस बात को जब कानून को माला पुर से पूछा गया तो उन्होंने पत्रकरो की टीम को बताया कि₹400 दे गया है इस बात को कानून को चकबंदी माधोपुर में भी माना लेकिन देखने वाली बात तो यह है की चकबंदी के इससे पहले कई अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए देखा गया और उनके खिलाफ खबर भी चली लेकिन प्रशासन की वजह से किसी तरह की कार्यवाही ना होने के कारण चकबंदी अधिकारियों के हौसले बुलंद है।
और अगर इन चकबंदी कर्मचारियों पर कार्यवाही नहीं होगी तो पीड़ित किसान कब तक पिसता रहेगा इस विषय पर कई बार किसान यूनियनों ने बिग कार्यवाही की मांग की है। आज जब उपजिलाधिकारी बांगरमऊ से इस विषय में जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने बताया कि मेरे संज्ञान में नहीं है संज्ञान में आएगा मैं कार्यवाही करूंगा।

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