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इस अंदाज में किया पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपनल कर्मियों के आंदोलन का सर्मथन

Dehradun - Upanal workers' movement in the state is a subject of separate discussion. At the same time, the politics of Uttarakhand has kept its side in this movement. On the other hand, the political people have kept their point by continuously supporting this movement. Due to this, the former Chief Minister also supported the movement of subaltern workers in a different way today. Let me tell you that today, former Chief Minister of the state and National Secretary General of Congress Harish Rawat kept a silent fast while supporting the movement of the subaltern workers. Harish Rawat kept silent at his Dehradun residence today. The sword of indecisiveness of service is still hanging on the subal personnel working in government departments for more than 15 years under Harish Rawat. At the same time, he also said that they are not youngsters provided from any outside agency. The government created this agency for its convenience and these youth are taken from them. In Uttarakhand, the government is doing injustice to the subalterns.

देहरादून – प्रदेश में उपनल कर्मियों का आंदोलन एक अलग चर्चा का विषय है । वहीं समय समय पर उत्तराखंड की सियासत इस आंदोलन में अपना पक्ष रखती आई है। दूसरी ओर सियासी लोगो ने लगातार इस आंदोलन का सहयोग कर अपना बात भी रखी  है । इसी के चलते प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री ने भी आज एक अलग अंदाज में ने उपनल कर्मियों के आंदोलन का सर्मथन किया । आपको बता दें, कि उपनल कर्मियों के आंदोलन का सर्मथन करते आज प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने मौन उपवास रखा । हरीश रावत ने आज अपने देहरादून आवास पर मौनउपवास रखा ।

हरीश रावत के मूताबिक 15 वर्ष से अधिक समय से सरकारी विभागों में कार्यरत उपनल कर्मियों पर आज भी सेवाकाल की अनिश्चितता की तलवार लटक रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये किसी बाहरी एजेंसी से उपलब्ध करवाए गए नौजवान नहीं हैं।सरकार ने अपनी सुविधा के लिए ये एजेंसी बनाई और उनसे ये नौजवान लिए हैं। उत्तराखंड में तो उपनलकर्मियों के साथ सरकार ही अन्याय कर रही है।

 

 

 

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