
संवाददाता(देहरादून): सरकारी नौकरी की तलाश आखिर हर कोई कर रहा है। चाहे वो आम जन हो या कोई भी नागरीक क्यो न हो हर किसी को बस सरकारी नौकरी की तलाश है। तालाश हो भी क्यों न आखिर सरकारी नौकरी का जो सवाल है। ठीक ऐसा ही मामला हम अपने पाठको के लिए लाए है। जिसमें ठग ने इतनी आसानी से सरकारी नौकरी का लालच देकर लाखों की ठगी कर ली अथवा बाद में पीड़ितो के साथ गाली -गलौज पर भी उतर गया है। चलिए जानते है क्या है पूरी मामला………
आपको बता दे, जब वादी (विजय पाल सिंह नेगी) के पुत्र भगत सिंह नेगी निवासी ने जब पुलिस में अपनी तहरीर दी। जिसमें उन्होनें बताया कि मैं एक्स सर्विसमैन हूं मेरी उम्र 70 वर्ष है करीब 01 वर्ष पूर्व यादवानंद पुत्र श्री महिमानंद सेमवाल निवासी नयागांव गोपी वाला हाथीबड़कला द्वारा पूजा पाठ के बहाने मेरे घर में आकर मुझसे दोस्ती बढ़ाकर मेरे भांजे जगमोहन रावत को वन विभाग में सरकारी नौकरी दिलवाने के बारे में बताया व इसी के चलते हमसे 70 लाख रुपये भी ले गया। अभियुक्त ने हमें वन विभाग में ट्रेनिंग का फर्जी पत्र भी दिया। जब हमारे द्वारा अपने पैसे वापस मांगे तो हमें हमारे साथ गाली गलौज कर रहा है व हमें जान से मारने की धमकी दे रहा है।
सूचना मिलते ही पुलिस ने की कार्यवाही
अभियोग की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय तथा पुलिस अधीक्षक नगर महोदय ओर क्षेत्राधिकारी मसूरी महोदय के निकट पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक कैंट द्वारा अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु उप निरीक्षक राजेश सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की गई गठित टीम द्वारा अभियुक्त के संबंध में सर्विलांस/मुखबिर की सहायता से आज दिनांक 08/10/ 2020 को अभियुक्त को थाना गढ़ी कैंट क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया तथा पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर मुकदमे में धारा 467/ 468/ 471 आईपीसी की बढ़ोतरी की गई, जिसका कल समय से माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जायेगा।
वही पुछताछ के बाद अभियुक्त ने बताया कि मैं पूजा पाठ का काम करता हूं। मैंने करीब 01 वर्ष पूर्व श्री विजय पाल नेगी से पूजा-पाठ के बहाने दोस्ती बढ़ाई फिर इनसे बड़ी-बड़ी बातें कर इन्हें झांसे में लेकर व सरकारी बन विभाग में अपनी ऊंची पहुंच बता कर इन्हें इनके भांजे का वन विभाग में कनिष्ठ सहायक के पद का फर्जी ट्रेनिंग पत्र दिया। यह लोग मेरे झांसे में आ गए और इनसे मैंने करीब ₹700000 प्राप्त कर लिए उस दौरान मेरे ऊपर काफी कर्जा हो गया था, इन पैसों से मैंने वह कर्जा चुकाया, शेष पैसे मैंने खर्च कर दिए।