देहरादून : आने वाले दिनों में उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड़ पड़ने वाली है। जी हां बता दें कि मौसम विभाग ने कंपकंपी बढ़ा देने वाली ठंड का अर्लट जारी किया है। बता दें कि सोमवार सुबह और दिनों के मुकाबले देहरादून समेत कई जिलों में ठंड ज्यादा था। हालांकि धूप भी अच्छी खिली हुई है जिससे लोगों को ठंड से राहत मिली है लेकिन बता दें कि आने वाले दिनों में हाड़ कंपा देने वाली ठंड़ पड़ने वाली है।
जी हां अब धीरे-धीरे सर्दी का प्रकोप बढ़ने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में सर्दी और बढ़ेगी वहीं पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का भी अनुमान लगाया गया है। उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू में बर्फबारी बढ़ेगी, जिसके बाद उत्तर भारत में ठंड में इजाफा होगा। वहीं दक्षिण में बारिश का दौरा जारी है। बीते दिन में भी केरल के कई जिलों में बारिश दर्ज हुई है।
वैज्ञानिकों ने किया अलर्ट जारी
आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि इस बार हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ेगी। क्योंकि यह ठंड पहले सालों के मुकाबले बहुत ही ज्यादा ठिठुरन भरी होने वाली है। इसलिए वैज्ञानिकों ने भी इस मौसम में अधिक कंपकपी का एहसास होना बताया है। आपको बता दें कि इस बार की दिवाली की रात में भी पहले से ज्यादा ठंड थी। दिवाली की रात तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक भी गिरा हुआ था। दिवाली के दिन अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
ला-नीना के प्रभाव के कारण तापमान में तेजी से गिरावट शुरू
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नवंबर के पहले ही हफ्ते में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री नीचे चला गया है। ला-नीना के प्रभाव के कारण तापमान में तेजी से गिरावट शुरू हो गई है। तराई में आने वाले दिनों में तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। पहाड़ों पर भी न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। खासतौर पर कई पहाड़ी इलाकों में तापमान माइनस में जा सकता है।
उत्तर भारत के साथ ही उत्तर पूर्व एशिया में ठंड की चेतावनी जारी
वैज्ञानिकों का कहना कि देश के कई हिस्सों में तो न्यूनतम तापमान तीन डिग्री तक पहुंच गया है। ला-नीना के असर के कारण मौसम विभाग ने उत्तर भारत के साथ ही उत्तर पूर्व एशिया में ठंड की चेतावनी जारी की है। इस साल प्रशांत क्षेत्र में ला-नीना तेजी से उभर रहा है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होना शुरू हो जाता है। बता दें कि समु्द्र का पानी ठंडा होने की प्रक्रिया को ला-नीना और गर्म होने की प्रक्रिया को अल-नीनो कहते हैं। इसका सीधा असर हवाओं पर पड़ता है।