Site icon Uttarakhand News, News in Hindi

दून अस्पताल में आपरेशन कम जांचे ज्यादा, डॉक्टर क्यूं कर रहे हैं आपरेशन करने से किनारा, देखिए इस रिपोर्ट में सबसे बड़ा खुलासा

Disorders in Doon Hospital, earlier patients used to groan in pain while waiting for doctors; Now ICU problem

देहरादून – देहरादून के सबसे बड़े जिला अस्पताल, दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर लगातार खबरें सामने आती रहती आई, लेकिन अब डॉक्टरों द्वारा मरीजों का ऑपरेशन करने से बचने की खबरें भी सामने आ रही है जो कहीं न कहीं प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर जरूर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रही है। जानकारी के अनुसार बीते 1 सप्ताह में दून अस्पताल में केवल 30 ऑपरेशन ही हुए हैं। गौर करने वाली बात यह है कि कोरोना महामारी के चलते बड़ी संख्या में यहां ऑपरेशन लंबित थे । इसके बावजूद अस्पताल में ऑपरेशन की संख्या कम है । बता दें कि दून अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 600 मरीज आ रहे हैं । मरीजों को तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए जांच के लिए टाला जा रहा है । अस्पताल प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही के मद्देनजर मरीजों ने एमएस एवं प्रचार से इस बात की शिकायत भी की है ।

वहीं डॉ आशुतोष सयाना प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज का कहना है कि ऑपरेशन से पहले कई तरह की जांच कराई जाती है । जिसमें काफी समय लग जाता है वही ऑपरेशन अभी हाल ही में शुरू हुए हैं जिसके चलते संख्या बढ़ाने में समय लगेगा ।इसके साथ ही डॉ आशुतोष ने कहा कि डॉक्टरों एवं स्टाफ की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी । उन्होंने बताया की हमें मरीजों की ओर से कई शिकायतें मिल चुकी है लिहाजा हम लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर एवं स्टाफ को चिन्हित कर रहे हैं जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा ।

ध्यान देने वाली बात यह है कि राज्य सरकार द्वारा लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं राज्य सरकार प्रदेश के लोगों से यह कहती नजर आती है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधर रही हैं लेकिन धरातल पर असलियत कुछ और ही है  । धरातल की सच्चाई जिला अस्पताल में इलाज करा रहे लोग ही जानते है ।

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए राज्य सरकार की ओर से लगातार जिला अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया जाता है । आपको बता दें कि हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत दून अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे । वहां पहुचकर उन्होंने अस्पताल प्रशासन को कई निर्देश भी दिए थे । लेकिन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिए गए निर्देश केवल उसी समय तक लागू रहते हैं जब तक अस्पताल में निरीक्षण किया जाता है । निरीक्षण करने के बाद यह निर्देश वही खत्म हो जाते हैं ।

दून अस्पताल की स्वास्थ व्यवस्थाओं को देखते हुए जहन में कई सवाल खड़े होते हैं ।  आखिर कब तक एक आम आदमी को सही इलाज के लिए इंतजार करना पड़ेगा, कब तक आम आदमी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए तरसता रहेगा और कब तक जिला अस्पतालों की अव्यवस्थाएं आम आदमी को परेशान करती रहेगी । सवाल कई है लेकिन इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं ।

Exit mobile version