सार्वजनिक छठ पूजा की इजाजत देने की मांग हाई कोर्ट ने की खारिज, दिल्ली सरकार के फैसले को सही ठहराया।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सार्वजनिक छठ पूजा समारोह करने की इजाजत मांगने को लेकर दायर याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने दिल्ली में नदी के किनारे सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा समारोह पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि संक्रमण की तीसरी लहर पहले से ही दिल्ली में चल रही है और इस तरह के आयोजन से इसे बढ़ने में मदद मिलेगी।
इस माह कई त्योहार पड़े हैं जिसके कारण बड़े पैमाने पर दिल्ली और एनसीआर के थोक बाजारों में भीड़ देखने को मिली है। इस भीड़ में कितने लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं ये आने वाले समय में पता चलेगा। ऐसे में इस बीमारी पर रोक लगाने के लिए जितने कदम उठाए जा सकते हैं उसे उठाया जाना चाहिए। यदि ढील दी गई तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।याचिकाकर्ता दुर्गा जन सेवा ट्रस्ट ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के 10 नवंबर के आदेश को चुनौती दी है। ट्रस्ट ने छठ पूजा के लिए एक हजार लोगों की सभा के आयोजन की अनुमति देने की मांग की थी। पीठ ने इस पर टिप्पणी कि ऐसे समय में जब शादी में 50 से अधिक लोगों को शामिल होने की दिल्ली सरकार अनुमति नहीं दे रही है, ऐसे वक्त में आप एक हजार लोगों के लिए समारोह आयोजित करना चाहते हैं।पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद फैसला लिया है और इस याचिका का कोई आधार नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता कोरोना महामारी की स्थिति से वाकिफ नहीं है।