खटीमा। ऊधमसिंह नगर जनपद के खटीमा में लगभग ढाई साल पहले नगर जे अतिक्रमण को हटाने के आदेश पर स्थानीय नगर पालिका व प्रशासन की अब तक अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गई हिला हवाली पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त हो चला है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए खटीमा नगर के अतिक्रमण को आदेश के ढाई साल बाद भी ना हटाये जाने पर खटीमा नगर पालिका को भंग कर प्रशासक नियुक्त करने की चेतावनी जारी की है। हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी व 21 नवम्बर को खटीमा अतिक्रमण पर अगली तारीख होने के चलते खटीमा नगर पालिका व स्थानीय प्रशासन गुरुवार रात को ही नगर के बचे हुए अतिक्रमण को हटाने में जुट गया है, जिससे स्थानीय अतिक्रमण कारियो में हड़कंप मच गया।
वहीं हाइकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद खटीमा एसडीएम निर्मला बिष्ट, सीओ मनोज ठाकुर व नगर पालिका ईओ धर्मानंद शर्मा पालिका व राजस्व कर्मियों व भारी पुलिस बल के साथ रात को ही टनकपुर रोड पर अतिक्रमण को जेसीबी व पोकलैंड से ध्वस्त करने में जुट गए। अचानक गुरुवार देर शाम प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही से जहां नगर के अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया। वही कई अतिक्रमणकारी प्रशासन की कार्यवाही का विरोध जता प्रशासन दे समय देने की गुहार लगाते रहे, लेकिन इसके बावजूद रात भर नगर के अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही प्रशासन द्वारा चालू रखी गई। प्रशासन द्वारा टनकपुर कृष्णा टाकीज से मुख्य चौक की तरफ सब्जी मंडी तक सड़क के दोनों तरफ अतिक्रमण को हटाने को जेसीबी लगाया गया। साथ ही खकरा व ऐंठा नाले के आस पास के अतिक्रमण को हटाने को लेकर पोकलैंड अभियान में जुटी रही। गौरतलब है कि प्रशासन की रातों रात अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही 21 तारीख को हाइकोर्ट में अतिक्रमण हटाने के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के संदर्भ में कई गई है। वही हाईकोर्ट की खटीमा नगर के अतिक्रमण पर दी गई सख्त टिपण्णी की करी जाए तो कोर्ट ने ढाई साल पहले अपने पारित आदेश का अनुपालन नहीं करने पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि खटीमा नगरपालिका अपने दायित्व का पालन करने में असफल साबित हो रही है, लिहाजा क्यों ना खटीमा नगरपालिका को भंग कर वहां प्रशासक नियुक्त कर दिया जाए। साथ ही सरकार को इस सम्बंध में शुक्रवार को जबाव देने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 21 नवम्बर को नियत की गई है।