देहरादून: शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने शिक्षकों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला लिया है। इन शिक्षकों के खिलाफ करीब 7 साल पहले मुकदमे दर्ज किए गए थे। शासन से इस संबंध में जिलाधिकारी देहरादून को आदेश जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री आवास कूच करने के दौरान पुलिस ने सरकारी काम में बांधा डालने, रास्ता जाम करने और बैरिकेडिंग तोड़ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
शासन में गृह अनुभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकार ने जनहित में डालनवाला थाने में दर्ज मुकदमे को वापस लिए जाने का निर्णय लिया है। अभियोजन अधिकारी को निर्देशित करते हुए मुकदमे को वापस लिया जाए। आदेश में कहा गया है कि प्रदेश सरकार की ओर से मुकदमे वापसी की लिखित अनुमति इस शर्त के साथ दी जा रही है कि प्रकरण का उदाहरण किसी अन्य मामले में नहीं लिया जाएगा।
अमर उजाला के अनुसार 19 जुलाई 2013 को प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्ति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया। इस बीच पुलिस और प्रशिक्षु शिक्षकों के बीच कहासुनी के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। जिसमें कई प्रशिक्षु शिक्षकों को गंभीर चोटें आई थी।
पुलिस ने इस मामले में 17 नामजद और सौ से अधिक अज्ञात प्रशिक्षु शिक्षकों के खिलाफ बैरिकेडिंग तोड़ने, सरकारी काम में बांधा डालने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। शिक्षकों के मुताबिक इस मामले में पिछले साल कुछ शिक्षकों के खिलाफ वारंट जारी होने पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।