देहरादून: कहते हैं हमारा तन और मन ही है जो हमें रोगी बनाता है और स्वस्थ जीवन की राह भी खोलता है। मर्ज किसी को भी हो सकता है, मगर उसे कितनी जल्दी मात दी जा सकती है, वह काफी हद तक हमारे तन और मन पर भी निर्भर करता है। कैंसर भी ऐसी ही जानलेवा बीमारी है, जिसे अत्याधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी हमारी खुद की क्षमता के बिना परास्त नहीं कर सकता।
फिर भी समाज में आज ऐसे तमाम उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि कैंसर को मात देने के बाद भी स्वस्थ जीवन को हासिल किया जा सकता है। इसी तरह का उदाहरण बने हैं गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त हरक सिंह रावत। जिन्होंने एक साल तक कैंसर से जंग लड़ी और अब उसे हराकर न सिर्फ सामान्य जीवन जी रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी कैंसर के प्रति जागरुक कर रहे हैं। हरक सिंह रावत पिछले साल (वर्ष 2019) 23 अगस्त को कैंसर का इलाज कराने के लिए एम्स, नई दिल्ली में भर्ती हुए थे। उनकी आंत में कैंसर था और यह बीमारी दूसरे चरण में पहुंच चुकी थी। इससे पहले कि वह आंत के कैंसर को मात देते, शरीर के अन्य हिस्से में भी कैंसर हो गया। इसके बाद उन्हें टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई में भर्ती कराया गया। कुछ समय बाद तीसरी जगह कैंसर पाया गया तो वह नानावती हॉस्पिटल, मुंबई में भर्ती हुए।
लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार उन्होंने कैंसर से जंग जीत ली। वह बताते हैं कि कैंसर होने से पहले ही गिलोय, हल्दी, एलोवेरा आदि का सेवन करते रहे हैं। उनका मानना है कि इसके चलते ही वह कैंसर को मात दे पाए। उन्होंने कहा कि कैंसर को लेकर वह कभी हताश नहीं हुए, हमेशा सकारात्मक सोचते रहे। क्योंकि हमारी इच्छाशक्ति ही है, जो हमें मुश्किल समय में लड़ने को प्रेरित करती है। अब वह हर किसी को यही सलाह देते हैं कि स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहें और सोच को सकारात्मक बनाएं। अपने अनुभव से वह यह भी बताते हैं कि शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्तता होनी चाहिए।