प्रदेश में यातायात व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ट्रैफिक पुलिस लाइन स्थापित की जाएंगी। यहां पर सीज वाहनों को रखने से लेकर अन्य गतिविधियां भी कराई जाएंगी। जल्द ही इसका एक विस्तृत प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय की ओर से शासन को भेजा जाएगा।
दरअसल, प्रदेश के चार बड़े शहरों में यातायात का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां हर दिन सैकड़ों की संख्या में वाहन मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सीज किए जाते हैं। देहरादून में ही हर महीने करीब एक हजार वाहन सीज होते हैं। इन वाहनों को या तो यातायात कार्यालय में खड़ा किया जाता है या फिर थानों में ही जमा कराया जाता है।
जिन शहरों में यातायात कार्यालयों में जगह नहीं है वहां पर बेवजह थानों में इन वाहनों को रखा जाता है। ऐसे में अव्यवस्थाओं का माहौल रहता है। इसके साथ ही यातायात पुलिस की कमान पूरी तरह से यातायात निदेशालय के हाथ में जा रही है। जल्द ही नए पुलिसकर्मियों और विशेषज्ञों की भर्ती की जाएगी। ऐसे में इन्हें समय समय पर ट्रेनिंग देने और अन्य गतिविधियों को लेकर एक पर्याप्त जगह की आवश्यकता है। यह सारे काम ट्रैफिक पुलिस लाइन में ही हो सकते हैं।
ट्रैफिक थाने खोलने पर भी था विचार
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैफिक थानों को लेकर निर्देश जारी किए थे। सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि हर 50 किलोमीटर के अंतराल पर एक ट्रैफिक थाना होना चाहिए। ताकि, यातायात नियमों का उल्लंघन होने से रोका जा सके। मुख्यालय के अनुसार उत्तराखंड की परिस्थितियों के अनुसार यहां पर थाना खोला जाना संभव नहीं है। लिहाजा पुलिस लाइन का विचार सर्वोत्तम माना गया है।
पुलिस लाइन में थाने से कम खर्च आएगा
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह लंबी प्रक्रिया है। थाना खोलने में सरकार का अच्छा खासा खर्च आता है। जबकि, चार ट्रैफिक पुलिस लाइन तैयार कराने में इससे कम खर्च आएगा। इनमें भी वही गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं, जो थानों में। लिहाजा, यह विचार ही अब जल्द धरातल पर भी उतर सकता है।
यहां बन सकती हैं ट्रैफिक लाइन
देहरादून के डोईवाला में
नैनीताल के हल्द्वानी में
ऊधमसिंहनगर के काशीपुर में
हरिद्वार के रोशनाबाद क्षेत्र में स्थापना संभव है। हरिद्वार में भूपतवाला में पहले से एक ट्रैफिक पुलिस लाइन बनी हुई है, लेकिन इसमें स्थान बेहद कम है।
सीज वाहनों को रखने और अन्य गतिविधियां संचालित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस लाइन बेहद कारगर साबित होंगी। यह लंबी प्रक्रिया है। चार बड़े शहरों में ट्रैफिक पुलिस लाइन स्थापित करने का विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
-अशोक कुमार, डीजीपी, उत्तराखंड