देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने ईमानदार छवि के आईपीएस अफसर पूर्व डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी को सेवा का अधिकार आयोग में बतौर आयुक्त जिम्मेदारी सौंपी है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इसके आदेश कर दिए हैं।उत्तराखंड पुलिस के पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी को रिटायरमेंट के बाद सरकार ने एक और बड़ी जिम्मेदारी दी है। सरकार ने उनको उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग का आयुक्त बनाया है।सेवा का अधिकार आयोग के आयुक्त का पद खाली चल रहा था। माना जा रहा था कि रिटायरमेंट के बाद पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी को कोई अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। हालांकि इसको लेकर कोई चर्चा नहीं थी। लेकिन, अब सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं।
पहले आईपीएस बने आयुक्त
राज्य में सेवा का अधिकार आयोग में पूर्व डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी पहले आईपीएस होंगे जो आयुक्त की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे पहले वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को यहां जिम्मेदारी दी गई। पूर्व डीजीपी की ईमानदार छवि और सादगी से उनको यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। उम्मीद है कि उनके आने से सेवा के अधिकार आयोग से जुड़ी सेवाओं में सुधार होगा।
क्या है सेवा का अधिकार
आम जनता का यह अधिकार कि वह कुछ सार्वजनिक सेवाओ को तय समयावधि में पाने का हक रखती है – ‘सेवा का अधिकार’ कहलाता है। इसके तहत तय समयसीमा में काम का निबटारा करना सम्बंधित अधिकारियों की बाध्यता होती है। समयसीमा के अंदर सेवा नहीं उपलब्ध करानेवाले अधिकारियों के लिए दंड का प्रावधान किया जाता है।