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‘संवैधानिक संकट’ को लेकर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी का बयान , कहीं ये बात

Dehradun - While the Congress and other parties are continuously targeting for the by-election for CM Tirath due to the constitutional obligation, now former Chief Election Commissioner of India SY Qureshi has clarified the situation on this. Qureshi says that Article 164(4) of the Constitution says that a minister-chief minister can be made without becoming a member of the House, but CM Tirath under section 151 (a) of the Representation of the People Act within six months i.e. 10 September. It is mandatory to become an MLA before, but in the sub-section of this Representation of the People Act, it is also clear that if there is no MLA seat after becoming CM and the tenure is less than one year, then it is not necessary to hold elections. On the other hand, regarding the current situation, CM Tirath Singh Rawat has also made it clear that it is the decision of the high command to hold elections or not, whatever decision they will take will be paramount for me.

देहरादून – संविधानिक बाध्यता को लेकर जहां सीएम तीरथ के लिए उपचुनाव को लेकर कांग्रेस समेत अन्य दल लगातार निशाना साध रहे हैं तो वहीं अब इसपर भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई क़ुरैशी ने स्थिति साफ की है। कुरैशी का कहना है कि संविधान का अनुच्छेद 164(4) कहता है कि बिना सदन का सदस्य बने मंत्री-मुख्यमंत्री बनाया तो जा सकते हैं लेकिन सीएम तीरथ को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 (क) के तहत छह महीने के भीतर यानी 10 सितंबर से पहले विधायक बनना अनिवार्य है लेकिन इसी जन प्रतिनिधित्व एक्ट की उपधारा में ये भी स्थिति स्पष्ट है की यदी सीएम बनने के बाद विधायक सीट नहीं है और कार्यकाल को 1 साल से कम की अवधि बची है तो चुनाव कराना जरूरी नहीं होता। वहीं दूसरी तरफ मौजूद स्थिति को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी साफ कर दिया है कि चुनाव कराने या ना कराने का निर्णय हाईकमान का है वो जो भी निर्णय लेंगे वो मेरे लिए सर्वोपरी होगा।

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