अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को खुफिया एजेंसियों को कोविड-19 (कोरोना वायरस) महामारी का जन्म स्थान तलाशने के लिए दोगुने प्रयास करने को कहा। बाइडन ने एजेंसियों को कहा है कि 90 दिन के भीतर वायरस के जन्मस्थान का पता करके रिपोर्ट दें।
उन्होंने कहा, यह निष्कर्ष निकालने के अपर्याप्त साक्ष्य हैं कि क्या यह किसी संक्रमित जानवर के मानवीय संपर्क से उभरा है या एक लैब दुर्घटना ने इस महामारी को जन्म दिया है।बाइडन ने कहा, खुफिया समुदाय के ज्यादातर लोग इस पर यकीन नहीं करते हैं कि एक बात के दूसरी की तुलना में सही होने का आकलन करने के लिए पर्याप्त जानकारी मौजूद है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को जांचकर्ताओं की मदद करने का निर्देश दिया और चीन से अंतरराष्ट्रीय जांचों में सहयोग करने की अपील की।
चीन की लैब में जांच पर पुनर्विचार कर सकते हैं डब्ल्यूएचओ वैज्ञानिक
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) उस सिद्धांत का दोबारा अध्ययन कर सकता है जिसके तहत कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन की वुहान लैब से हुई मानी जाती है और इसके बाद वह पूरी दुनिया में फैल गई। इस बीच, दुनिया में इस वायरस से अब तक 16.85 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 35.01 लाख लोग जान गंवा चुके हैं।सीएनएन के मुताबिक, चीन में जब सबसे पहले यह बीमारी फैली थी तब कोरोना वायरस के लिए जानवरों की व्यापक जांच पर चीनी डाटा की अनदेखी की गई थी। इसे डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों के एक स्रोत के मुताबिक वायरस उत्पत्ति की जांच का एक अहम क्षेत्र माना गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के जिस पैनल ने मार्च में चीन जाकर अध्ययन किया था उसकी रिपोर्ट 200 पन्नों में निहित है। लेकिन उस वक्त विशेषज्ञों ने कई मुद्दों पर पूरा ध्यान नहीं दिया। ऐसे में डाटा का अधिक पारदर्शिता के साथ अध्ययन करने के लिए डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिक एक बार फिर इस पर अध्ययन कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है लेकिन सूत्र ने बताया कि इस बार एक बड़ा जांच दल चीन जा सकता है।