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पश्चिमी यूपी में फिर शुरू होने लगा किसानों का धरना

he indefinite strike of farmers continued on Friday at the toll booths of Moradabad division in protest against the agricultural laws. Leaders of the Bharatiya Kisan Union, which is leading the farmers' strike, say that the movement will not end without the withdrawal of new agricultural laws. Farmers attacking the central government said that their ignoring of the government would be too heavy. BKU activists spoke of continuing indefinite strike till the agricultural laws are not quashed. Heavy police and PACs were present during the sit-in demonstration by the farmers. On the indefinite dharna on the Dalpatpur toll located on the Moradabad-Lucknow highway in Moradabad, the Bakiu leaders said that on the call of national leaders, the dharna was started on the toll in every district. The farmers have been agitating for six months to demand the withdrawal of the agricultural law imposed on the farmers by the central government, but the government is not taking it seriously. The leaders said that according to further orders, a strategy will be chalked out. There was no obstruction in traffic due to the demolition from the toll booths. The farmers' strike at the Ibrahimpur toll plaza of Bilari on the Moradabad-Agra highway continued to protest for the second day under the leadership of Manoj Chaudhary, District President of the Bharatiya Kisan Union. State General Secretary Vijendra Singh Yadav also arrived during the dharna demonstration. Addressing the farmers, he said that this time the farmer is sitting on a dharna with a cross-border battle. Until the government withdraws the black law. The sit-in demonstration will continue till then. The workers of the Bharatiya Kisan Union, which was engaged on the coal toll plaza of Rampur, once again closed a line of the toll plaza and sat on an indefinite dharna. During this, the angry activists also shouted slogans and protests by fiercely cursing the central government. On Rajabpur toll plaza located on Delhi Highway in Amrora, BKU workers under the leadership of Bhakiyu District President Rampal Singh stood on an indefinite strike in protest against the three agricultural laws. More about this source textSource text required for additional translation information Send feedback Side panels

कृषि कानूनों के विरोध में मुरादाबाद मंडल के टोल बूथों पर शुक्रवार को भी किसानों का अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। किसानों के धरने का नेतृत्व कर रही भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि नए कृषि कानूनों को वापस कराए बिना आंदोलन समाप्त नहीं होगा। केंद्र सरकार पर हमलावर किसानों ने कहा कि सरकार को उनकी अनदेखी बहुत भारी पड़ेगी। भाकियू कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों के रद नहीं होने तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने की बात कही। किसानों के धरना-प्रदर्शन के दौरान भारी पुलिस और पीएसी मौजूद रही।

मुरादाबाद में मुरादाबाद-लखनऊ हाईवे पर स्थित दलपतपुर टोल पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे भाकियू नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय नेताओं के आह्वान पर हर जिले में टोल पर धरना शुरू किया गया। केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर थोपे गए कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग को लेकर छह माह से किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। नेताओं ने कहा कि जैसा आगे आदेश होगा उसके मुताबिक रणनीति बनाई जाएगी।
धरनास्थल टोल बूथ से हट कर बनाए जाने से ट्रैफिक में कोई बाधा नहीं आई। मुरादाबाद-आगरा हाईवे पर बिलारी के इब्राहिमपुर टोल प्लाजा पर किसानों का धरना दूसरे दिन भी भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष मनोज चौधरी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन जारी रहा। धरना प्रदर्शन के दौरान प्रदेश महासचिव विजेंद्र सिंह यादव भी पहुंचे। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान इस बार आर-पार की लड़ाई के साथ धरने पर बैठा है। जब तक सरकार काला कानून वापस नहीं लेगी। तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

रामपुर के कोयला टोल प्लाजा पर जुटे भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर टोल प्लाजा की एक लाइन को बंद कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। इस दौरान आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार को जमकर कोसते हुए नारेबाजी व प्रदर्शन भी किया। अमरोरा में दिल्ली हाईवे पर स्थित रजबपुर टोल प्लाजा पर भाकियू जिलाध्यक्ष रामपाल सिंह के नेतृत्व में भाकियू कार्यकर्ता तीन कृषि कानूनों के विरोध में बेमियादी धरने पर डटे रहे।

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