ज्योती यादव, डोईवाला। अखिल भारतीय किसान सभा ने जंगली हाथियों द्वारा किसानो की कई बीघा गन्ने की फसल के नुकसान की भरपाई वह हाथियों की रोकथाम के लिए माननीय वन मंत्री उत्तराखंड सरकार को उप जिलाधिकारी महोदया तहसील डोईवाला के माध्यम से भेजा ज्ञापन।
सोमवार को अखिल भारतीय किसान सभा डोईवाला मंडल से जुड़े किसान गन्ना समिति सभागार मे एकत्रित हुए जहां मंडल अध्यक्ष बलवीर सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई।
बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक ताजेंद्र सिंह विशेष रूप से उपस्थित हुए। बैठक में किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई और वन विभाग एवं राजाजी नेशनल पार्क के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते फसलों के हो रहे नुकसान को लेकर किसानों ने चिंता जाहिर की।
बैठक के पश्चात सभी किसान तहसील मुख्यालय डोईवाला पहुंचे जहां उन्होंने वन विभाग एवं राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए उप जिलाधिकारी महोदया की व्यवस्थता के चलते तहसीलदार महोदय के माध्यम से माननीय वन मंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया।
ज्ञापन में मांग करते हुए किसान सभा ने कहा की जंगलों के किनारे किसानो की भूमि पर जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जाता है परंतु सरकार की योजनाएं धरातल पर उतरने की बजाए खाक छानती रहती है।
किसानों ने बताया गत दो दिन पूर्व लगातार दो दिनों तक झबरावाला स्थित सरदार नरेंद्र सिंह एवं अन्य किसानों के खेतों में टाइगर रिजर्व पार्क से निकलकर हाथियों के झुण्ड द्वारा कई बीघा गन्ने की फ़सल और हरे चारे को बर्बाद कर दिया। लेकिन वन कर्मचारियों को उसकी सुद्ध नहीं। जिसके चलते किसानों को कई लाख रुपए का आर्थिक नुकसान हो चुका। किसान सभा नें वन मंत्री से मांग की है कि किसानों को हुए नुकसान की उच्च स्तरीय जांच कराकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा प्रदान कर आर्थिक हानि से बचाया जाए एवं हाथियों द्वारा पुनः नुकसान न किया जाए इसकी भी उचित व्यवस्था की जाए।
ज्ञापन देने वालों में संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक ताजेंद्र सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा डोईवाला मंडल के अध्यक्ष बलबीर सिंह, मंडल सचिव याकूब अली, कृषक फेडरेशन के अध्यक्ष उम्मेद बोरा, गन्ना समिति अध्यक्ष मनोज नौटियाल, पूर्व प्रधान इंद्रजीत सिंह,सरदार नरेंद्र सिंह,पंचायत सदस्य दलजीत सिंह,सरदार कुलदीप सिंह,इंद्रजीत सिंह लाड्डी, शमशाद अली, गुरचरण सिंह, प्रेम सिंह पाल, हरबंस सिंह, जगजीत सिंह,रविंद्र सिंह, हरजीत सिंह,दीपक सैनी, बाबूराम मौर्य आदि किसान मुख्य रूप से मौजूद रहे।