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देहरादून से बड़ी खबर : पुलिस ने SDM को किया गिरफ्तार

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देहरादून: पुलिस ने एक फर्जी एसडीएम को गिरफ्तार किया है। पुलिस से सौरभ बहुगुणा के खिलाफ शिकायत की गई थी। उन्होंने बताया कि था कि अश्वनी कुमार श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति ने कोटड़ा संतौर में जमीन दिलाने के नाम पर फर्जी एसडीएम बनकर उनसे 15 लाख रुपये ठग लिए हैं। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की गई। जांच के बाद जो खुलासा हुआ, उसने पुलिस को चैंका दिया।

फर्जी एसडीएम बनकर धोखाधड़ी

एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने निर्देश पर एक टीम गठित की गई। पुलिस टीम ने फर्जी एसडीएम बनकर धोखाधड़ी करने वाले मुख्य अभियुक्त अश्वनी कुमार श्रीवास्तव को सुद्धोवाला से गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से पांच अलग-अलग कंपनियों के मोबाइल फोन और अलग-अलग बैंकों की पासबुक, चेक बुक, फोटो आईडी और धनराशि बरामद हुई। अभियुक्त को माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

तहसील के बाहर चक्कर लगाता रहता था

पूछताछ के दौरान अभियुक्त अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वह अपने ड्राइवर पंकज शर्मा के साथ अक्सर तहसील के बाहर चक्कर लगाता रहता था। इसी दौरान पंकज शर्मा की मुलाकात सौरभ बहुगुणा से हुई, जिसके द्वारा पंकज शर्मा को बताया गया कि उनकी कोटडा संतौर में जमीन है, जिसमें कुछ समस्या चल रही है।

जमीन विवाद का फायदा

जमीन विवाद का फायदा उठाकर पंकज शर्मा ने यह बात अश्वनी कुमार श्रीवास्तव को बताई। इसके बाद पंकज शर्मा ने पीड़ित सौरभ बहुगुणा को यह बताया कि अश्वनी कुमार श्रीवास्तव के साथ काम करता है और वो उसका ड्राइवर है। इसके बाद किशन नगर चैक पर पीड़ित सौरव बहुगुणा के जीजा बलविंदर सिंह के ढाबे पर अक्सर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव और पंकज शर्मा खाना खाते थे।

बलविंदर सिंह को अपने विश्वास में ले लिया

दोनों ने पीड़ित के जीजा बलविंदर सिंह को अपने विश्वास में ले लिया और कोटडा संतूर स्थित जमीन की पटवारी बुलाकर नपाई करवा ली। शिकायतकर्ता सौरभ बहुगुणा को यह यकीन हो गया कि अश्वनी कुमार श्रीवास्तव एसडीएम है। इसके बाद सौरभ बहुगुणा की जमीन दिलाने को लेकर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव एवं पंकज शर्मा ने 20,00000 रुपये का खर्चा बताया।

15 लाख रुपये अश्वनी और पंकज शर्मा ने रख लिए

फर्जी एसडीएम बने आरोपी ने अलग-अलग टाइम में सौरव बहुगुणा और उसके जीजा से कुछ 15 लाख रुपये अश्वनी और पंकज शर्मा ने रख लिए। रुपये देने के बाद भी जब जमीन सौरभ बहुगुणा को नहीं मिली तो उसे शक हुआ, लेकिन तब तक अभियुक्तगण फरार हो चुके थे। जिसमें से अभियुक्त अश्वनी कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्त ने बताया कि वह कई लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर भी ठगी का प्रयास कर रहा था। इसलिए यह दस्तावेज अभियुक्त ने अपने पास रखे हैं। अभियुक्त पूर्व में भी फर्जी नौकरी दिलवाने के नाम पर कोतवाली नगर जनपद हरिद्वार से जेल जा चुका है।

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