अमेरिका में चुनावी परिणाम बराबर, अब सीनेट हाउस के सदस्य चुनेंगे राष्ट्रपति
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एजेंसी
वॉशिंगटन। अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है, जिसे देखकर इस बात का अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल है कि जीत किसकी होगी। इस बार रिपब्लिकन उम्मीदवार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कड़ा मुकाबला डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन से है। अमेरिका के कुल 538 इलेक्टोरल वोट में जीत के लिए 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करना जरूरी है। ऐसे में अगर स्थिति ऐसी बन जाती है कि किसी भी प्रत्याशी को इतने वोट हासिल नहीं होते हैं तो प्रतिनिधि सभा और सीनेट में राज्यों के सदस्य राष्ट्रपति चुनते हैं। इन सदस्यों का शपथ ग्रहण तीन जनवरी को होना है।
बता दें कि हाउस में हर राज्य की ओर से एक वोट माना जाता है। यानी कुल 50 वोट होते हैं, यहां पर इलेक्टोरल कॉलेज के वोट की तरह आबादी के अनुपात में वोट नहीं होते है. ऐसे में जिसके पास 26 वोट होंगे वो राष्ट्रपति होगा। इस समय रिपब्लिकन पार्टी का 26 राज्यों पर नियंत्रण है और 22 पर डेमोक्रेटिक पार्टी काबिज है। अगर इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को 270 इलेक्टोरल वोट हासिल नहीं होते हैं तो हाउस में 50 राज्य सदस्यों के वोट की स्थिति बनेगी ऐसे में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अलग-अलग दलों से भी चुने जा सकते है। यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि अगर हाउस ऑफ रिप्रजेंजेटिव्स में भी ट्रंप और बिडेन को 25-25 वोट मिलते हैं तो फिर राष्ट्रपति चुनाव नए कार्यकाल के पहले दिन यानी शपथ तक के लिए टलेगा। अमेरिका के चुनाव के इतिहास में ऐसा केवल दो बार ही हुआ है जब राष्ट्रपति चुनने के लिए हाउस को आगे आना पड़ा। बता दें कि थॉमस जैफरसन ने एरोन बर को हराया उस समय दोनों एक ही डेमोक्रेटिक रिपब्लिक पार्टी के सदस्य थे। इसके बाद जॉन क्विंसी एडम्स और एंड्रयू जैक्सन के बीच टाई हुआ। इसके बाद हाउस ने एडम्स को बहुमत देकर राष्ट्रपति बनाया।