ज्योति यादव। पहाड़ की संस्कृति खानपान वेशभूषा को जागरूक करने के लिए पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित डॉ. माधुरी बार्थवाल के मार्गदर्शन में रिद्धि–सिद्धि ग्रुप द्वारा देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है।
रिद्धि सिद्धि ग्रुप की महिलाएं जगह-जगह जाकर अपनी कला संस्कृति,खानपान ,वेशभूषा व लोकगीतों के माध्यम से बढ़ावा देती है। ताकि धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही संस्कृति के बारे में नई पीढ़ी को जानकारी मिल सके।
ग्रुप की महिलाओं का कहना है कि पहाड़ की संस्कृति और रीति—रिवाज अपने आप में सम्पन्न, अनूठी और अद्भुत है। यह अपने में कई चीजों का समाए हुए है, पहाड़ की संस्कृति और रीति–रिवाज हमेशा से ही एक कौतूहल और शोध का विषय रहा है। हमारी संस्कृति पर कुछेक शोध जरूर हुए हैं लेकिन वह ना के बराबर रहे। उन्होंने बताया कि हमारी प्राचीन संस्कृति पर अभी भी गहन अध्ययन, चिंतन और शोध की जरूरत है। क्योंकि आज हम जिस समाज और भाग–दौड़ की दुनिया में एक दिखावे की सी जिंदगी जी रहे हैं। उसमे हमारी आने वाली पीढ़ी पहाड़ों की कई ऐसी चीजों से अनभिज्ञ है। इसका कारण कोई और नहीं हम ही हैं। क्योंकि आज हम अपनी संस्कृति से विमुख होते जा रहे हैं। उत्तराखंड में जैसे-जैसे पहाड़ों से पलायन होता जा रहा है पलायन के साथ-साथ लोग अपनी संस्कृति रीति रिवाज खान-पान वेशभूषा भी भूल गए है।
रिद्धि सिद्धि ग्रुप की सदस्य पिंकी देवी, ज्योति चौहान, सुषमा सेमवाल, सरस्वती नेगी, प्रेमलता चौहान आदि।