अंतरराष्ट्रीय

कोरोना महामारी को लेकर डॉ. फॉसी ने फिर दिया बड़ा बयान

पिछले कुछ समय से अपने ईमेल को लेकर सुर्खियों में बने अमेरिका के महामारीविद डॉय एंथनी फॉसी ने कहा है कि कोरोना प्रयोगशाला में बनाई गई बीमारी हो सकती है। पिछले साल फरवरी में खुद वैज्ञानिकों ने भी यह बात स्वीकारी थी।

डॉ. फॉसी का कहना है, वह शुरू से ही कोरोना वायरस के प्रयोगशाला लीक होने की थ्योरी को लेकर तैयार थे। उन्होंने माना कि ये संभवतया एक इंजीनियर्ड वायरस हो सकता है जिसका प्रयोगशाला से आकस्मिक रिसाव हो गया। हालांकि लीक थ्योरी का समर्थन करने के बावजूद फॉसी का मानना है कि जानवरों के प्रसार के कारण इस महामारी की उत्पत्ति की अधिक संभावना है।

एक फरवरी को वैज्ञानिकों से फोन कॉल पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए फॉसी ने कहा, मुझे अच्छी तरह याद है कि हमने तत्कालीन स्थिति पर सावधानीपूर्वक गौर करने का निर्णय लिया। उस कॉन्फ्रेंस कॉल पर जुड़े कई वैज्ञानिकों में से एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ क्रिस्टन एंडरसन भी थे।

एंडरसन ने ही इस कॉल से एक दिन पहले फॉसी को लिखे ईमेल में कोरोना वायरस की असामान्य विशेषताओं का जिक्र किया था। उन्होंने इसके कुछ इंजीनियर्ड दिखने वाले गुणों का पता लगाने के लिए इसके सभी अनुक्रमों की करीबी पड़ताल करने की जरूरत बताई थी। कोरोना वायरस आज भी पहेली बनी हुई है। अमेरिकी वायरस विशेषज्ञ और राष्ट्रपति जो बाइडन के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसी पहले भी कह चुके हैं कि कोरोना एक प्राकृतिक बीमारी है, यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। एक साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि क्या यह वायरस प्राकृतिक है तो उन्होंने कहा था, मैं इस पर भरोसा नहीं करूंगा। उन्होंने कहा, इसकी जांच जरूरी है कि चीन की लैब में इसकी उत्पत्ति कैसे हुई?

 

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