ज्योती यादव, डोईवाला। सरकार की किसान, मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 26 से 28 नवम्बर क़ो राजधानी देहरादून मे होने वाले तीन दिवसीय महापड़ाव की तैयारियों क़ो लेकर माजरी ग्रांट के खेड़ा मंदिर पर संयुक्त किसान मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक ताजेंद्र सिंह की अध्यक्षता मे आयोजित की गई।
बैठक का संचालन किसान नेता हरकमल नें द्वारा किया गया।
माजरी ग्रांट के खेड़ा मंदिर पर संयुक्त किसान मोर्चे के संयोजक ताजेंद्र सिंह की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई बैठक मे वक्ताओं नें देश मे किसान व मजदूर विरोधी सरकार की कारपोरेट परस्त नीतियों पर हमला करते हुए कहा कि देश मे वर्तमान सरकार नें जिस तरह किसानों और मजदूरों के खिलाफ नीतियाँ बनाई उससे साफ पता चलता है कि ये सरकार कारपोरेट के दबाव मे नीतियाँ बना रही है उससे आज किसान और मजदूर के अलावा छोटा व्यापारी भी प्रभावित हुआ है।
सरकार नें 44 श्रम कानूनो क़ो खत्म कर विद्युत जैसे महत्वपूर्ण विभाग क़ो भी कारपोरेट के हवाले करते हुए विद्युत अध्यादेश 2020 लेकर आयी । उन्होंने कहा यही नहीं सरकार नें सभी महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों क़ो कारपोरेट के हवालें कर दिया। जिसके चलते देश का मजदूर सड़कों पर आने के लिए मजबूर है।
मोर्चे के नेताओं नें कहा किसानों के गन्ने का रेट 500/=₹ कुंतल की मांग और डोईवाला गन्ना मिल क़ो पीपी मोड़ पर देने के खिलाफ और जंगली जानवरो तथा आवारा पशुओं से फसलों के बचाओ सहित कई मांगो क़ो लेकर प्रदेश की सभी ट्रेड यूनियनो एवं संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर राजधानी देहरादून मे 26 से 28 नवम्बर 2023 तक तीन दिवसीय महापड़ाओ ( धरना ) का आयोजन होने जा रहा है जिसमें पुरे प्रदेश से किसानों व मजदूरों की भागीदारी होनी है।
वक्ताओं नें कहा कि राजधानी मे होने वाला तीन दिवसीय महापड़ाओ सरकार की किसान व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एक मील का पत्थर साबित होगा।
बैठक क़ो किसान सभा जिला अध्यक्ष दलजीत सिंह, मोर्चे के संयोजक ताजेंद्र सिंह, माजरी ग्रांट के प्रधान अनिल पाल, गन्ना समिति अध्यक्ष मनोज नौटियाल, गौरव चौधरी, किसान यूनियन प्रदेश महामंत्री रणबीर सिंह चौहान, एडवोकेट मनोहर सिंह सैनी,किसान सभा मण्डल अध्यक्ष बलबीर सिंह, सचिव याकूब अली, आर एल डी प्रदेश अध्यक्ष हरेन्द्र बालियान, गुरनाम सिंह, हरकमल सिंह, रणजीत सिंह बॉबी,आदि नें सम्बोधित करते हुए किसानों से तीन दिवसीय महापड़ाओ मे शामिल होने की अपील की।
बैठक मे मुख्य रूप से अनूप कुमार पाल, अमरीक सिंह, जरनेल सिंह, हरबंश सिंह, हरविंदर सिंह गोगी,शेर सिंह पाल, दयाराम, राजेंद्र सिंह, किशन सिंह, शम्भू प्रसाद, जगीर सिंह, रामेश्वर सिंह, गुरमीत सिंह, सुशील कुमार, प्रीतम सिंह, रमेश चंद, रघुवीर सिंह, निर्मल पाल,अशोक पाल, छत्रपाल, मुन्ना लाल, हर्जिंदर सिंह, सुमेर चंद शैलेन्द्र सिंह, सोमसिंह पाल, किशन चौधरी, ज्योति सिंह पाल आदि सैकड़ों किसान मौजूद रहे।