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भिक्षा नहीं शिक्षा दें : भिक्षावृत्ति को खत्म करने की उत्तराखंड पुलिस ने ठानी, दून पुलिस ने संभाला मोर्चा !

Do not teach alms: Uttarakhand police determined to end begging, Doon police took over

देहरादून : उत्तराखंड पुलिस ने एक नेक पहल की शुरुआत की है। पुलिस ने ये पहल भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों की जिंदगी संवारने के लिए शुुरु की है। आपने देखा होगा कि अक्सर आईएसबीटी समेत देहरादून के कई चौक चौराहों पर छोटे छोटे बच्चे भीख मांगते हैं। इन बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए उत्तराखंड पुलिस ने सोचा और एक अभियान की शुरुआत की। उत्तराखंड पुलिस के इस अभियान का नाम है ‘ऑपरेशन मुक्ति’. इसमे सबसे आगे है दून पुलिस। दून पुलिस ने मोर्चा संभाला है और बैनर समेत गली गली और बाजार चौक चौराहों पर भीख मांग रहे बच्चों पर नजर बनाए हैं।

देहरादून में मोर्चा संभाले पुलिस

आपको बता दें कि देहरादून में वर्दी धारी घूमकर भिक्षावृत्ति में संलिप्ल बच्चों और उनके परिवार वालों को एक ही बात के लिए जागरुक कर रहे हैं कि बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा दें। बच्चों से भिक्षा नहीं मंगवाए बल्कि उनको शिक्षित करें ताकि वो पढ़लिख कर कुछ बनें। उत्तराखंड पुलिस की इस पहल की जमकर सराहना की जा रही है। बात करें देहरादून कि तो देहरादून में पुलिस मोर्चा संभाले है और हर तरफलोगों को जागरुक कर रही है कि बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा दें। बता दें कि इससे पहले पुलिस कई ऐसे बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्ती दिला चुकी है और उनको स्कूल यूनिफर्म, बैग, कॉपी किताब के साथ स्कूल भेज चुकी है ताकि राज्य और देश तरक्की करें। यहां के बच्चे तरक्की करें। इसमे उत्तराखंड पुलिस का अहम रोल है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम और भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर स्कूलों में दाखिला करने और उनके पुनर्वास के लिए 1 मार्च से 30 अप्रैल तक ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ अभियान चलाया जा रहा है।इसी के मद्देनजर नोडल अधिकारी/क्षेत्राधिकारी नगर शेखर चन्द सुयाल के नेतृत्व में बीते दिन 24 मार्च को देहरादून के रायपुर थानाक्षेत्रान्तर्गत स्थित सपेरा बस्ती में निवासरत लोगों को भिक्षावृत्ति न किये जाने और बच्चों को शिक्षित किये जाने के लिए जागरूक करने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया। उक्त गोष्ठी में आॅपरेशन मुक्ति की समस्त टीमों सहित आसरा ट्रस्ट, चाइल्ड लाईन एवं समर्पण सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया व लोगों को जागरूक किया गया।

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