देहरादून : देहरादून डीआईजी गढ़वाल रेंज की समीक्षा में नए चौकाने वाले खुलासे व लापरवाही उजागर हो रही है। गढ़वाल रेंज डीआईजी नीरु गर्ग कुर्सी संभालने के से ही एक्शन में हैं।वहीं डीआईजी नीरु गर्ग ने अपने काम से साफ किया कि अगर कोई पुलिस अधिकारी औऱ कर्मचारी किसी भी काम में और जांच में लापरवाही बरतेंगे तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। ऐसा ही कुछ देखने को मिला आज।डीआईजी नीरु गर् के सामने सूचनार्न्तगत अपील की सुनवाई के दौरान एक मामला संज्ञान में आया कि आवेदक के शिकायती प्रार्थना पत्र की जांच में जांचकर्ता अधिकारी ने तथ्यो के विपरीत जांच की जबकि आवेदक ने बताया कि उसका न तो पड़ोसी से कोई जमीनी विवाद है और न ही उसका चालान हुआ है। आवेदक की शिकायत थी कि उसकी स्कूटी के साथ किन्ही अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हानि पहुंचायी गयी और उसमें चीनी डाली गयी एवं स्कूटी का क्लच तोड दिया गया।
उक्त शिकायत पर जांचकर्ता उपनिरीक्षक द्वारा भ्रामक और झूठी जांच आख्या प्रेषित करने के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक चमोली को दोषी उपनिरीक्षक के विरूद्ध जांच कर 07 दिवस के अन्दर कृत कार्यवाही की आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही जनता के साथ थाना स्तर से इस प्रकार की सरसरी जांच कर आख्या प्रेषित करने के फलस्वरुप पीड़ित पक्ष अनावश्यक रुप से परेशान न हो इसके सम्बन्ध में परिक्षेत्र के समस्त जनपद प्रभारियों को निम्न निर्देश निर्गत किये गये।
▪️ शिकायतकर्ता के शिकायती प्रार्थना पत्र की जांच त्वरित रुप से मौके पर जाकर सम्पादित की जाये और जांच के दौरान आवेदक एवं अन्य सम्बन्धित पक्षों से तथ्यों की जानकारी कर साक्ष्य संकलित किये जायें।
▪️ जांच सम्पादित करने के उपरान्त स्पष्ट एवं तथ्यों पर आधारित आख्या प्रेषित की जाये।
▪️ थाना स्तर पर उप-निरीक्षक द्वारा सम्पादित की गयी जांच को प्रभारी थाना द्वारा अवलोकित कर उच्च अधिकारी को प्रेषित किया जाये। का अधिकार अधिनियम के अ
▪️ पर्यवेक्षण अधिकारी और वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक द्वारा भी जनता की शिकायतों पर सम्पादित जांच को अपने स्तर से अवश्य सत्यापित किया जाये और आवेदक को जांच से प्राप्त तथ्यों की जानकारी अवश्य दी जाये, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आवेदक की समस्या का समुचित निदान हुआ अथवा नहीं।