संवाददाता(देहरादून): राजधानी दून में सोने जा चुके लोग देर रातत वायु सेना के विमानों की आवाज सुन चौंक उठे। एकाएक तेज गड़गड़ाहट से आसमान गूंज उठा। राजधानी दून में कुछ दिनों पूर्व भी एक ऐसी गतिविधि हुई थी लिहाजा लोग इसे सीामा पर चीन के साथ चल रहे तनाव से जोडकर भी देखने लगे।
राजधानी दूनवासियों के लिये यह अपनी तरह का पहला अनुभव था और इसे लेकर तमाम तरह की अटकलें लगती रहीं। बहरहाल इसे वायुसेना की नाइट एक्सरसाइज़ बताया जा रहा है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में सेना पूरी तरह मुस्तैद है। भारत-चीन के बीच उत्तराखंड में 345 किमी लंबी सीमा है। पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी के सीमावर्ती क्षेत्र चीन बॉर्डर से सटे हैं। चीन संग जारी तनाव के बीच उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढा दी गई है।
सेना और आइटीबीपी के साथ-साथ वायुसेना भी अलर्ट पर है । हाल ही में चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर भी सैन्य गतिविधि बढ़ गई है। सुरक्षा की तैयारियों के बीच वायु सेना उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड मजबूत कर रही है। कुछ दिनों पूर्व सेंट्रल एयर कमांड के एयर मार्शल राजेश कुमार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की थी। वायु सेना ने उत्तराखंड सरकार से एयरस्ट्रिप और रडार लगाने के लिए जमीन मांगी है। रात की गतिविधि को वायु सेना की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।सेना,वायुसेना व आइटीबीपी अलर्ट पर है।इसी क्रम में तैयारियों को भी वक्त-वक्त पर तेज किया जा रहा है हालांकि आधिकारिक बयान इस मामले में अभी नही मिल सका है।