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ड्रैगन की नई चाल, अमेरिकी सेंटर से डिलीट करवाया कोरोना का शुरुआती डाटा

There is still a debate about the origin of the corona virus that has been causing havoc all over the world for the last one and a half years from China. China has been accused of hiding facts related to the corona virus. These allegations now seem to be turning into confidence. Recently, a report has revealed that China cleverly got the data related to the samples of its initial corona patients tested and genetic sequencing of the virus deleted from the US database. Deleting data from China's US database will make it even more difficult to trace the origin of the coronavirus. Professor Jess Bloom, a virologist and biologist at the Fred Hutchinson Cancer Research Center in Seattle, US, thinks that China removed the data from the database to cover up the truth. Researcher Jess Bloom claimed that he had obtained data from 13 patients out of the initial 241 cases of mysterious disappearance of Wuhan.

चीन से निकल कर दुनिया भर में पिछले डेढ़ साल से तबाही मचा रहे कोरोना वायरस की उत्पति को लेकर अभी भी बहस छिड़ी हुई है। चीन पर कोरोना वायरस से जुड़े तथ्य छुपाने के आरोप लगते आए है। ये आरोप अब यकीन में बदलते नजर आ रहे हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन ने बड़ी ही चालाकी से अपने यहां के शुरुआती कोरोना मरीजों के नमूनों की जांच और वायरस की जेनेटिक सिक्वेंसिंग से जुड़े आंकड़ों को अमेरिकी डाटा बेस से डिलीट करवा दिया।

चीन के अमेरिकी डेटाबेस से डाटा डिलीट कराने से कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाएगा। अमेरिका के सिएटल में फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर में वायरोलॉजिस्ट और जीव विज्ञानी प्रोफेसर जेस ब्लूम को लगता है कि चीन ने सच पर पर्दा डालने के लिए आंकड़ों को डेटाबेस से हटवाया। रिसर्चर जेस ब्लूम ने दावा किया कि उन्होंने रहस्यमयी ढंग से गायब हुए वुहान के शुरुआती 241 केसों के डेटा में से 13 मरीजों का डाटा हासिल कर दिया है।

 

 

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