Site icon Uttarakhand News, News in Hindi

मुख्यमंत्री का गढ़वाल कमिश्नर कैम्प आफिस में औचक निरीक्षण

cm rawat

देहरादून :मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मंगलवार को एक्शन में नजर आए। उन्होंने गढ़वाल आयुक्त कार्यालय का औचक निरीक्षण किया और वहां मौजूद उपस्थिति रजिस्टर में हाजिरी दर्ज न करने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश दिए। निरीक्षण के दौरान 11 में से चार कर्मचारी ही उपस्थित मिले। जांच के दौरान फाइलों की मूवमेंट को लेकर एक बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आई। पता चला कि कैंप कार्यालय की हर पत्रावली को पहले एंट्री के लिए गढ़वाल आयुक्त मुख्यालय पौड़ी भेजा जाता है। जिससे फाइलों के निपटारे में बहुत अधिक विलंब हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और गढ़वाल आयुक्त को इस व्यवस्था में तत्काल सुधार लाने के निर्देश दिए। मंगलवार को मुख्यमंत्री करीब साढ़े 10 बजे सर्वे चौक स्थित कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। उनके साथ मुख्य सचिव ओम प्रकाश भी थे। उनके अचानक वहां पहुंचने से कैंप कार्यालय में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री को देख हर कोई हैरान था। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता, मुख्यमंत्री ने उपस्थिति पंजिका तलब कर ली। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में तैनात 11 कार्मिकों में से केवल चार ही मिले। उपस्थिति पंजिका के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन को निर्देश दिए कि जिन कार्मिकों के उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर नहीं हैं, उनका वेतन रोक दिया जाए।

एक घंटे तक फाइलों की जांच की
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल आयुक्त कैंप कार्यालय में करीब एक घंटे तक रहे। इस दौरान उन्होंने वहां लंबित कई फाइलों की प्रगति की जांच की और उन्हें समय से निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने ताकीद किया कि फाइलों में किसी तरह का विलंब नहीं होना चाहिए।

निजी सचिव के मौखिक आदेश पर पौड़ी जाती रहीं पत्रावलियां
मुख्यमंत्री यह जानकार हैरान थे कि कैंप कार्यालय में पत्रावलियां पहले एंट्री के लिए पौड़ी मुख्यालय भेजी जाती हैं। जब पूछा गया कि ऐसा किसके आदेश पर हो रहा है तो बताया गया कि ऐसा वर्ष 2019 में गढ़वाल आयुक्त के तत्कालीन वैयक्तिक सहायक के दिए गए मौखिक आदेश पर हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई। यह खुलासा तब हुआ जब मुख्यमंत्री ने पत्र प्राप्ति रजिस्टर की मांग की। मुख्यमंत्री ने गढ़वाल आयुक्त को कहा कि यह कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।

कर्मचारी समय पर आ रहे हैं कि नहीं, फाइलों को निपटारा किस गति से हो रहा है, यह सब पता लगाने के लिए मैं कैंप कार्यालय गया था। मेरे साथ मुख्य सचिव भी थे। जो भी अधिकारी-कर्मचारी वहां मौजूद नहीं थे, उनकी अनुपस्थिति लगाई गई है, वेतन रोकने को भी कहा है। एक बड़ी खामी यह देखने में आई कि कैंप कार्यालय की सभी फाइलें रिसीव होने के लिए पौड़ी भेजी जा रही हैं, मैंने मुख्य सचिव को कर्मचारी सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री

Exit mobile version