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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने आइटीबीपी और सेना के जवानों के बीच मनाई दीपावली ।

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उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने दीपावली का त्योहार सीमांत जनपद उत्तरकाशी में भारत-चीन सीमा पर आइटीबीपी और सेना के जवानों के बीच मनाया। उन्‍होंने जवानों को अपने हाथों से मिठाई खिलाई और दीपावली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने जवानों का उत्‍साह बढ़ाया और  दीपावली के अपने अनुभव साझा किए।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत दीपावली मनाने के लिए शनिवार सुबह सवा नौ बजे हर्षिल के हैलीपैड पर पहुंचे। इसके बाद यहां से सात किलोमीटर दूर कोपांग अग्रिम चौकी पर पहुंचे। यहां 35वीं वाहिनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के हिमवीरों ने गर्मजोशी से सीएम का स्वागत किया। इस दौरान सीएम ने अग्रिम चौकी के परिसर में हिमवीरों को संबोधित किया। चीन सीमा से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर आइटीबीपी के अधिकारियों से जानकारी ली।

कोपांग के बाद मुख्यमंत्री हर्षिल में सेना की सिख रेजीमेंट और 9 और 21 बिहार रेजीमेंट के जवानों के बीच पहुंचे। मुख्यमंत्री ने जवानों को बधाई देते हुए कहा कि सुदूर बर्फीली चोटियों पर सेना के जवान मुस्तैदी के साथ देश की रक्षा में तैनात रहे हैं, जिसके कारण देशवासी सुख शांति से दीपावली का त्योहार मना रहे हैं। दीवाली रोशनी का त्योहार है। यह अच्छाई की रोशनी फैलाता है और डर को दूर भगाता है। सभी जवान अपनी प्रतिबद्धता और अनुशासन के जरिये आमजन के मन में सुरक्षा और निडरता की भावना दे रहे हैं।

 

उल्लास के साथ मनाया गया दीपावली का पर्व

उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में दीपावली का पर्व उल्लास के साथ मनाया गया। धन और एश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की गई। देहरादून में दीपावली पर्व को लेकर लोगों में उत्साह दिखाई दिया। लोगों ने बाजारों में दीपावली पर्व को मनाने के लिए पूजा सामग्री, मिठाई और आतिशबाजी की सामग्री खरीदी।

परंपरागत तरीके से मनाई नई दीपावली

अपनी अनूठी संस्कृति के लिए देश-दुनिया में विख्यात जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के करीब 200 गांवों में नई दीपावली का त्योहार परंपरागत तरीके से मनाया गया। लोगों ने हाथों में लकड़ी की मशालें जलाकर गाजे-बाजे के साथ नई दीपावली मनाई। सिद्धपीठ श्री महासू देवता मंदिर हनोल, जौनसार के प्रवास पर मोहन खत में विराजमान चालदा महासू मंदिर, बाशिक महासू मंदिर मैंद्रथ थान, देवघार खत के शेडकुडिया महाराज मंदिर रायगी, महासू देवता की बहन बलाणी देवी मंदिर चिल्हाड़, बावर-देवघार व कंडमाण क्षेत्र में नई दीपावली का जश्न परंपरागत अंदाज में मनाया गया। इस दौरान लोगों ने पूरी रात मंदिर प्रांगण व सामूहिक पंचायती आंगन में ढोल-दमोऊ की थाप पर हारूल के साथ जौनसारी तांदी-नृत्य की प्रस्तुति से कुल देवता की स्तुति की।

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