गैरसैंण। भराड़ीसैंण में आयोजित राज्य स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण के विकास के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में अगले 10 वर्षों में योजनाबद्ध तरीके से ग्रीष्मकालीन राजधानी विकसित की जाएगी। इसके नियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी। ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के नियोजित विकास के लिए 25000 करोड़ के बजट का प्रबंध किया जाएगा।
इतनी ही नहीं पहाड़ के लोगों को राहत देते हुए उन्होंने कहा कि जिला विकास प्रधिकरण के नियमों में शिथिलता लाई जाएगी। इसके अलावा उन्होंने चमोली जिले के विकास के लिए एक दर्जन से अधिक घोषणायें कीं। यह पहला मौका था जब ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद भराड़ीसैंण में आयोजित राज्य स्थापना दिवस समारोह में किसी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटीबीपी और पुलिस परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम की धूम रही। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन के दौरान गैरसैंण के विकास के लिए एक के बाद एक कई महत्वपूर्ण घोषणायें कीं।
उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी में भी राजधानी की तर्ज पर ही अवस्थापना सुविधायें मुहैया की जायेंगी। इसके लिए एक मास्टर प्लान बनाया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय कमेटी इस प्लान को तैयार करेगी। कमेटी में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ शामिल होंगे। ग्रीष्मकालीन राजधानी का स्वरूप अगले 10 वर्षों में सबके सामने होगा। इस अवधि में इसके विकास पर तकरीबन 25000 करोड़ का बजट खर्च किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला विकास प्राधिकरणों की वजह से भवन निर्माण में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने एक कमेटी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर अब प्राधिकरण के नियमों में शिथिलता प्रदान की जाएगी। एक और महत्वपूर्ण घोषणा में मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह के 5 लाख तक के उत्पाद सरकार खरीदेगी, जिससे उनके सामने उत्पादों के विपणन की समस्या नहीं आएगी। सर्वाधिक पलायन वाले 500 गांवों को चिन्हित कर वहां के स्वयं सहायता समूहों को सरकार मामूली ब्याज दर पर मुहैया करायेगी। उन्होंने शहरी क्षेत्रों के गरीब तबके के लोगों को मात्र 100 रूपया शुल्क में पानी का कनेक्शन देने की भी घोषणा की। अब तक इसके लिए 6000 रूपया प्रति कनेक्शन शुल्क लिया जाता था।