देहरादून। राजधानी दून में इस बार छठ पर्व के अवसर पर सामूहिक रूप से पूजा नहीं होगी। बिहारी महासभा की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। कोरोना संक्रमण के चलते से घर पर ही पूजा करने की अपील की है।
लंबे समय से छठ पर्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। सोमवार को नारी शिल्प मार्ग स्थित कार्यालय में बिहारी महासभा की बैठक में पूजा की तैयारियों पर चर्चा हुई। महासभा अध्यक्ष ललन सिंह ने बताया कि कार्तिक मास की शुल्क पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है। जो 3 दिन पहले 18 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। कोरोनाकाल के चलते इस बार महासभा सामूहिक रूप से छठ पूजा नहीं करेगी। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को फल, वस्त्र, पूजा समान आदि भेंट करेंगे, जिससे वह घर पर पर्व मना सकें। सभा सचिव चंदन कुमार झा ने बताया कि वर्तमान हालात को देखते हुए सावधानी बरतनी जरूरी है। बैठक में रितेश कुमार, सतेंद्र सिंह, गणेश साहनी, डॉ. रंजन कुमार, डीके सिंह, डॉ. राम विनय, अमरेंद्र कुमार, आलोक सिन्हा, धमेंद्र कुमार, सुनील झा, एसके सिन्हा, विद्याभूषण सिंह आदि मौजूद रहे। पूर्वा सांस्कृतिक मंच इस बार छठ पूजा का आयोजन नहीं कराएगा। मंच के पदाधिकारियों ने पूजा के किसी भी आयोजन से खुद को दूर रखने का निर्णय लेते हुए कोविड-19 को लेकर शासन प्रशासन के साथ सहयोग की अपील की है। मंच के महासचिव सुभाष झा ने बताया कि मंच से दून समेत उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में रहने वाले पूर्वी यूपी, बिहार, झारखंड व बंगाल के प्रवासी जुड़े हैं। हर साल छठ पूजा की तैयारियों के लिए घाटों पर प्रकाश व्यवस्था कराने के साथ ही चिकित्सा और सांस्कृतिक मंच की टीम आती थी, लेकिन इस बार कोरोनाकाल के चलते उन्हें आमंत्रित नहीं किया।