Cyber Crime शहर में साइबर ठगों का जाल फैलता जा रहा है। कोई नौकरी तो कोई ऑनलाइन सामान की खरीद-फरोख्त के नाम पर दूनवासियों के खून-पसीने की कमाई लूट रहा है। लगातार बढ़ रहे साइबर ठगी के मामलों ने स्पेशल टास्क फोर्स की चुनौतियां भी बढ़ा दी हैं।
देहरादून। शहर में साइबर ठगों का जाल फैलता जा रहा है। कोई नौकरी तो कोई ऑनलाइन सामान की खरीद-फरोख्त के नाम पर दूनवासियों के खून-पसीने की कमाई लूट रहा है। लगातार बढ़ रहे साइबर ठगी के मामलों ने स्पेशल टास्क फोर्स की चुनौतियां भी बढ़ा दी हैं। इसे देखते हुए साइबर क्राइम पुलिस ने आमजन से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही लुभावने विज्ञापनों पर बिना जांच-पड़ताल भरोसा नहीं करने की सलाह दी है। दून में रविवार को भी ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें किसी न किसी प्रकार झांसे में लेकर मोटी रकम खातों से उड़ा दी गई।
जालसाजी-1
आइएफएस की बेटी से पुस्तक खरीदने के नाम पर ठगी
ओएलएक्स पर पुरानी पुस्तकें बेचने का विज्ञापन डालकर दून के एक आइएफएस की बेटी ठगी का शिकार हो गई। आरोपित ने 65 हजार रुपये में पुस्तकें खरीदने का झांसा देकर युवती से 18 हजार रुपये ठग लिए। राजपुर थाने के एसएसआइ मनीष कुमार ने बताया कि ऊषा कॉलोनी में रहने वाले आइएफएस बीके गांगते ने तहरीर देकर बताया कि उनकी बेटी किम रिचा ने पुरानी पुस्तकें बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला था। इसके बाद उसे रमन पाल नाम के एक शख्स ने फोन कर किताबें खरीदने की इच्छा जताई। आरोपित ने 65 हजार रुपये में पुस्तकें खरीदने पर सहमति जताई थी। भुगतान के लिए उसने मोबाइल पर एक लिंक भेजा, जिसपर क्लिक करते ही किम के खाते से 17999 रुपये निकल गए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जालसाजी-2
रिश्तेदारों ने लगाया 20 लाख का चूना
मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगवाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से रिश्तेदारों ने 20 लाख रुपये ऐंठ लिए। व्यक्ति की शिकायत पर डालनवाला थाने में अमानत में खयानत और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। अजय खन्ना निवासी ईसी रोड डालनवाला ने पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि उनकी बहू और उसके मायके वालों ने महिला थाना पानीपत (हरियाणा) में उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। वाजिद और साजिद निवासी करनाल (हरियाणा) ने इस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगवाने के नाम पर उनसे 25 लाख रुपये लिए। हालांकि, मुकदमे में एफआर नहीं लगी। इसके बाद आरोपितों ने पांच लाख रुपये लौटा दिए, लेकिन बाकी के 20 लाख नहीं लौटाए जा रहे।
जालसाजी-3
ओएलएक्स पर बाइक खरीदने के नाम पर 72 हजार ठगे
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में वसंत विहार निवासी एक व्यक्ति ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार उन्होंने ओएलएक्स पर अपनी बाइक बेचने का विज्ञापन डाला था। एक अज्ञात व्यक्ति ने उनसे फोन पर संपर्क कर बाइक खरीदने की बात कही। आरोपित ने गूगल-पे से भुगतान करने के नाम पर पीडि़त को एक लिंक भेजा। पीडि़त ने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया, उसके खाते से 72 हजार रुपये निकल गए। इस मामले में साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जालसाजी-4
नौकरी के नाम पर एक लाख 40 हजार रुपये हड़पे
गढ़ी कैंट निवासी व्यक्ति ने साइबर थाना पुलिस को बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन कर खुद को रिक्रूटमेंट अथॉरिटी बताते हुए अपोलो अस्पताल में नौकरी दिलाने की बात कही थी। इसके लिए आरोपित ने आवेदन शुल्क के रूप में 750 रुपये जमा कराने को कहा। व्यक्ति ने विश्वास में आकर रकम बताए गए बैंक खाते में भेज दी। इसके बाद आरोपित ने दोबारा फोन कर कहा कि उनका चयन हो गया है। इसके बाद उसने विभिन्न तिथियों में अलग-अलग शुल्क के नाम पर एक लाख 40 हजार रुपये से अधिक की धनराशि कई खातों में ट्रांसफर करा ली। साइबर थाना पुलिस ने आरोपित के एक्सिस बैंक के खातों को फ्रीज करा दिया है। बैैंक से पत्राचार कर खाताधारक की जानकारी जुटाई जा रही है।
जालसाजी-5
बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बन 50 हजार रुपये ठगे
यमुना कॉलोनी निवासी एक महिला ने भी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत दी है। महिला ने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उनसे फोन पर संपर्क किया और खुद को पंजाब नेशनल बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बताया। इसके बाद आरोपित ने उनके बैंक खाते और एटीएम कार्ड की जानकारी लेकर खाते से 49,990 रुपये उड़ा लिए। पुलिस को जांच में पता चला कि साइबर ठग ने पेटीएम के माध्यम से धनराशि स्थानांतरित की है। इस पर पेटीएम के विभिन्न नोडल अधिकारियों से संपर्क कर शिकायतकर्ता की संपूर्ण धनराशि वापस करा दी गई। साथ ही आरोपित की गिरफ्तारी के लिए संबंधित थाने को निर्देशित किया गया है।
साइबर सुरक्षा टिप्स
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खरीदारी या सामान बेचते समय संबंधित पार्टी पर तत्काल विश्वास न करें। सामान के भौतिक सत्यापन के बाद विक्रेता-क्रेता से व्यक्तिगत रूप से मिलकर भुगतान करें।
- देखा गया है कि साइबर ठगों की ओर से स्वयं को भारतीय सेना में कार्यरत बताते हुए सामान को खरीदने या बेचने के लिए सोशल साइट्स पर संपर्क किया जा रहा है। ऐसे मामलों में सावधानी बरतें। किसी भी दशा में अग्रिम भुगतान न करें। सामान प्राप्त होने पर ही भुगतान करें।
- ऑनलाइन जॉब दिलाने वाली वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बाद अगर आपको फोन कॉल और वाट्सएप के माध्यम से चयनित होने या नौकरी प्राप्त करने के लिए धनराशि की मांग की जाती है तो सतर्क हो जाएं।
- फोन या वाट्सएप पर किसी से भी बैंक संबंधी ब्योरा साझा न करें। कोई भी बैंक या वॉलेट आपको फोन कर आपकी बैंकिंग डिटेल नहीं मांगता।
- फेसबुक समेत अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर अंजान व्यक्ति से दोस्ती न करें।