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ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम पर सवाल उठाए

Brazilian President Jair Bolsonaro has decided to follow in the footsteps of former US President Donald Trump. He said if he loses in next year's election, he will not hand over power to the winning candidate until his victory is confirmed "cleanly". He also raised the demand for reforming the country's electronic voting system. He said during an address on social media that whoever wins the presidential election, I will hand over power. If the victory was fraudulent, I would not do it. Bolsonaro also raised questions about the electronic voting system. It offered constitutional reform to change this and make voting through ballots, while in Brazil, electronic voting has been conducted since 1996. Bolsonaro said there is room for fraud in the electronic voting system. Had the voting not been done by electronic machines, he would have won the first phase of voting in the 2018 elections. It is worth noting that in Brazil, it is necessary to get more than 50 percent of the votes to win in the first phase, while Bolsonaro could not get that many votes during the first phase in 2018. Bolsonaro's latest statement has raised new fears about next year's election. Some observers have said Bolsonaro is following the formula of former US President Donald Trump. Like Trump, his strategy would be to drag the election results into controversies. The President is expected to face former President Luiz Inácio Lula da Silva in next year's election. Lula was last barred from contesting elections due to a corruption charge, but Brazil's Supreme Court recently dismissed all the charges against her. More about this source textSource text required for additional translation information

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नक्शेकदम पर चलने की ठान ली है। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले चुनाव में अगर वह हार गए तो विजयी उम्मीदवार को तब तक सत्ता नहीं सौंपेंगे, जब तक उसकी जीत ‘साफ-सुथरी’ होने की पुष्टि न हो जाए। उन्होंने देश के इलेक्ट्रॉनिंग वोटिंग सिस्टम में सुधार की मांग भी उठाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक संबोधन के दौरान कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में जो भी जीतेगा, उसे मैं सत्ता सौंप दूंगा। अगर जीत धोखाधड़ी से हुई होगी तो मैं ऐसा नहीं करूंगा।

बोलसोनारो ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम पर भी सवाल उठाए। इसे बदलने और मतपत्रों के जरिए मतदान कराने के लिए संवैधानिक सुधार की पेशकश की, जबकि ब्राजील में 1996 से ही इलेक्ट्रॉनिक मशीनों से मतदान कराए जाते रहे हैं। बोलसोनारो ने कहा कि इलेट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम में धोखाधड़ी की गुंजाइश है। अगर वोटिंग इलेक्ट्रॉनिक मशीनों से नहीं हुई होती तो वह 2018 के चुनाव में पहले चरण के ही मतदान में जीत गए होते। गौरतलब है कि ब्राजील में पहले चरण में जीतने के लिए 50 फीसदी से ज्यादा वोट लाना जरूरी होता है, जबकि 2018 में पहले चरण के दौरान बोलसोनारो इतने वोट नहीं ला पाए थे।

बोलसोनारो के ताजा बयान ने अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर नई आशंकाएं पैदा कर दी हैं। कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा है कि बोलसोनारो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फॉर्मूले को अपना रहे हैं। ट्रंप की तरह ही उनकी रणनीति चुनाव परिणाम को विवादों में घसीट देने की होगी। गौरतलब है कि अगले साल के चुनाव में राष्ट्रपति का मुकाबला पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा से होने का अनुमान है। लूला को भ्रष्टाचार के आरोप में सजा होने के कारण पिछली बार चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था, लेकिन हाल ही में ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने उन पर लगे तमाम आरोपों को खारिज कर दिया।

 

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