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कोरोना के बाद ब्लैक फंगस ने बढ़ाई टेंशन,एक्सपर्ट से जानें कैसे कर सकते हैं इस बीमारी से बचाव

The fastest spreading black fungus after Corona is now spreading its foot in the state including Uttarakhand. According to the latest information given by the health department, 118 cases of black fungus have been reported in the state now. . While 9 people have died due to this infection so far. It is worth noting that people are now more afraid of black fungus than corona and to overcome this fear, today we will share with you important things told by the doctor of the Doon Hospital, Ashutosh. Talking to Etvtimes 24X7, publicity doctor Ashutosh of Doon Hospital shared many important things related to Black Fungus. Dr. Ashutosh told during the conversation that how black fungus enters your body, affects which parts of the body, can a patient infected with black fungus be treated in home isolation? Along with this, he also told about the symptoms and rescue of this disease. According to Dr. Ashutosh, black fungus serves to weaken your immunity. He told that the chances of black fungus infection are increased in people who have suffered from corona, or are a patient of diabetes. Along with this, Dr. Ashutosh told that black fungus in the body of the diabetic patient has more chance to flourish and that is why the diabetic patient is more in this danger. How does one enter the body --- Ever since the figures of black fungus patients have started increasing in the state, people want to know how the black fungus enters the human body. To which Dr. Ashutosh said that this fungus remains active in the air, due to which it enters the body through your mouth and nose. At the same time, once it enters the body, it starts spreading to other parts of your body. After some time, it starts to affect your eyes, brain and lame. Black fungus symptoms Mouth ulcers Nasal crust formation Eye inflammation Reddening of the eyes Blood clot Chest pain Blurry Numb face Change face color Swelling of the eyelids Toothache Can a patient infected with black fungus be treated in home isolation? When asked this question, Dr. Ashutosh gave information that a patient infected with black fungus cannot be treated in home isolation. According to him, if you have symptoms of black fungus, then you should consult a foreign doctor. Along with this, he told that if the Black Fungus infected patient starts recovering after under-treatment, then he can live in the house by being isolated. Patients are discharged in ten to twenty days About 80% of corona infection patients are discharged in ten days. In contrast, black fungus patients are admitted for at least ten days. Dr. Ashutosh of treatment of mucor mycosis at PGI said that patients who have less infection are discharged in ten days. At the same time, in which the infection is more, it takes at least 20 days. What to do to protect The Doon Hospital publicist gave some special tips to prevent black fungus infection - 1. Clean and tidy environment 2. Use clean and dry masks, do not use wet masks at all. 3. Avoid going to the dusty area, do not go to the humid place 4. Do not eat food kept in the open

शाकेब रिज़वी देहरादून-कोरोना के बाद सबसे तेजी से फैल रहा ब्लैक फंगस अब देश सहित उत्तराखंड राज्य में भी अपने पैर पसारने लगा है । स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई ताजा जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब ब्लैक फंगस के 118  मामले सामने आ चुके हैं। । जबकि इस संक्रमण से 9 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है । गौर करने वाली बात यह है कि लोगों को अब कोरोना से ज्यादा ब्लैक फंगस का डर सताने लगा है  और इसी डर को दूर करने के लिए आज हम दून अस्पताल के प्रचार्य डॉक्टर आशुतोष द्वारा बताई गई अहम बाते आपसे साझा करेंगे ।

Etvtimes  24X7 से बात करते हुए दून अस्पताल के प्रचार्य डॉक्टर आशुतोष ने ब्लैक फंगस से जुड़ी कई अहम बातें साझा की । डॉ आशुतोष ने बातचीत के दौरान बताया कि कैसे ब्लैक फंगस आपके शरीर में प्रवेश करता है , शरीर के किन हिस्सों में असर करता है , क्या ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज का होम आइसोलेशन में इलाज हो सकता है ? इसके साथ ही उन्होंने इस बिमारी के सिम्टम्स और बचाव के बारे में भी बताया ।

डॉ आशुतोष के मुताबिक ब्लैक फंगस आप की इम्युनिटी को कमजोर करने का काम करता है । उन्होंने बताया की जो व्यक्ति कोरोना का शिकार हो चुका है , या डायबिटीज का मरीज है ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस संक्रमण के चांसेस ज्यादा बढ़ जाते हैं । इसके साथ ही डॉक्टर आशुतोष ने बताया कि डायबिटिक पेशेंट के शरीर में ब्लैक फंगस को पनपने का अधिक मौका मिलता है और यही वजह है कि डायबिटिक पेशेंट इस खतरे जद में ज्यादा हैं।

शरीर में कैसे प्रवेश करता है ब्लैक फंगस —

जब से प्रदेश में ब्लैक फंगस के  मरीजों के आंकड़े में इजाफा होने लगा है तब से लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर ब्लैक फंगस इंसान के शरीर में प्रवेश कैसे करता है । जिसका जवाब देते हुए डॉ आशुतोष ने बताया कि यह फंगस हवा में सक्रिय रहता है जिसके चलते वह आपके मुंह और नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कर लेता है । वहीं एक बार शरीर में प्रवेश करने के बाद वह आपके शरीर के अन्य हिस्सों में फैलना शुरू कर देता है । कुछ समय बाद में वह आपकी आंख, ब्रेन और लंग्स में असर डालना शुरू कर देता है ।

ब्लैक फंगस  लक्ष्ण

मुहं में छाले

नाक में पपड़ी जमना

आंखो में सूजन

आंखों का लाल होना

खंखार में खून आना

सीने में दर्द होना

धुंधला दिखाई देना

चेहरा सुन्न पड़ जाना

चेहरे का रंग बदल बदलना

पलकों में सूजन आना

दांत हिलने लगना

क्या ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज का होम आइसोलेशन में इलाज हो सकता है ?

ये सवाल पूछे जाने पर डॉ आशुतोष ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज का इलाज होम आइसोलेशन में नहीं हो सकता है । उनके मुताबिक अगर आपको ब्लैक फंगस के सिम्टम्स होते हैं तो आप को फॉरन डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने बताया की ब्लैक फंगस संक्रमित  मरीज को अंडर ट्रीटमेंट रखने के बाद अगर उसकी रिकवरी होने लगती है तो फिर वह घर में होम आइसोलेट होकर रह सकता है ।

दस से बीस दिन में डिस्चार्ज होते हैं मरीज

कोरोना संक्रमण के करीब 80% मरीज दस दिन में डिस्चार्ज हो जाते हैं। इसके उलट ब्लैक फंगस के मरीज कम से कम दस दिन भर्ती रहते हैं। पीजीआई में म्यूकर माइकोसिस के इलाज के डॉ आशुतोष ने बताया कि जिन मरीजों में संक्रमण कम होता है, वे दस दिन में डिस्चार्ज होते हैं। वहीं, जिनमें संक्रमण अधिक होता है, उन्हें कम से कम 20 दिन लग जाते हैं।

बचाव के लिए क्या करना चाहिए

ब्लैक फंगस संक्रमण से बचाव के लिए दून अस्पताल के प्रचार्य ने कुछ खास टिप्स दिए –

1.साफ सुथरा वातावरण

2.साफ व सूखे मास्क का इस्तेमाल करें,गीले मास्क का प्रयोग बिल्कुल न करें

3.धूल मिट्टी वाली जगह पर जाने से परहेज करें, नमी वाली जगह पर ना जाएं

4.खुले में रखा खाना ना खाएं

 

 

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