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बड़ी खबर : उत्तराखंड में इस साल नहीं होंगे राष्ट्रीय खेल, मेजबानी की आस अधूरी, केंद्र ने नहीं दिए रुपये!

Big news: National Games will not be held in Uttarakhand this year, there is no hope of hosting, Center did not give money

देहरादून:उत्तराखंड में इस साल नवंबर में प्रस्तावित 38 वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन एक बार फिर टल गया है। इसकी वजह कोविड 19 के कारण अधूरी रह गई तैयारियां और केंद्र से आर्थिक सहायता न मिलना बताया जा रहा है। इससे प्रदेश के लिए  इन खेलों की मेजबानी की आस अधूरी रह गई है।

उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों का आवंटन वर्ष 2014 में किया गया था। जिसके अनुसार वर्ष 2018 में खेलों का आयोजन किया जाना प्रस्तावित था। लेकिन अवस्थापना विकास संबंधी कार्य न होने से उस साल राष्ट्रीय खेल आयोजित नहीं हो पाए। हालांकि अवस्थापना विकास कार्यों के लिए 719 करोड़ एवं आयोजन के लिए 249 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा गया था। लेकिन उत्तराखंड को केंद्र से आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई।

इसके बाद नवंबर 2021 के लिए राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित किए गए थे, लेकिन इस बार भी उत्तराखंड की राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी की आस पूरी होती नजर नहीं आ रही है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक खेलों के आयोजन को लेकर केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता के लिए पहली किस्त के रूप में 500 करोड़ की मांग की गई थी, लेकिन अब तक केंद्र से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है।

वहीं कोविड 19 की वजह से अवस्थापना विकास संबंधी कार्य भी अधूरे हैं। अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय खेलों के लिए अभी कम से कम 16 महीने का समय और चाहिए। यही वजह है कि इस साल नवंबर में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन संभव नहीं है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने 34 खेल किए थे प्रस्तावित 
राष्ट्रीय खेलों के लिए आर्चरी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, लॉन बाउलिंग, साइकिलिंग, इक्वीस्टिरियन, फुटबॉल, फैंसिंग, गोल्फ, जिम्नास्टिक, हैंडबॉल, हॉकी, जूड़ो, कयाकिंग, कैनोइंग, नेटबॉल, कबड्डी, खो-खो, शूटिंग, रग्बी, मॉर्डन पैथालॉन, रोईंग, एक्वाटिक्स, स्कवैश, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो, सेलिंग, टेनिस, ट्राईथलॉन, वॉलीबाल, वेटलिफ्टिंग, रेसलिंग व वुशु खेल को प्रस्तावित किया गया था।

खेलों के लिए दो मुख्य और छह सैटेलाइट स्थल किए थे चयनित 
राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में दो मुख्य स्थल देहरादून और हल्द्वानी को चयनित किया गया था। इसके अलावा छह सैटेलाइट स्थल हरिद्वार, ऋषिकेश, गूलरभोज, रुद्रपुर, नैनीताल, एवं पिथौरागढ़ को चयनित किया गया था। जहां राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होनी थी।

हल्द्वानी और देहरादून में दो खेल गांव होने थे विकसित 
राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों सहित लगभग 18000 लोगों ने प्रतिभाग करना था। जिनकी आवासीय व्यवस्था के लिए दो खेेल गांव एक हल्द्वानी में और दूसरा देहरादून में विकसित किया जाना प्रस्तावित किया गया था।

उत्तराखंड में इस साल प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल स्थगित कर दिए गए हैं। कोविड 19 की वजह से ऐसा करना पड़ा है। खेलों की तैयारी के लिए कम से कम 12 से 16 महीने का समय चाहिए। खेलों के लिए केंद्र से आर्थिक सहायता के रूप में जो धनराशि मिलनी थी वह भी अब तक नहीं मिली।
-बृजेश कुमार संत, सचिव खेल

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