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उत्तराखंड से बड़ी खबर: एसटीएफ की अल्मोड़ा जेल में रेड कई फोन और सिम बरामद

Big news from Uttarakhand the crook was operating the gang from jail, phone sim recovered

देहरादून : उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स ने अपराधियों पर वार किया है। उत्तराखंड टास्क फोर्स और अल्मोड़ा पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में अल्मोड़ा जेल में चले सर्च आपरेशन में बड़े गैंग और बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है जिसका आज सोमवार देर शाम को डीजीपी अशोक कुमार ने खुलासा किया है।

डीजीपी अशोक कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि अब तक की कार्यवाही में 03 मोबाइल फ़ोन, 04 सिम, एक लाख उनतीस हज़ार कैश,मादक पदार्थ आदि बरामद किए गए हैं। जेल के एक कर्मचारी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अन्य अपराधियों और लोगों की संलिप्तता की जांच हो रही है।

गैंग के लिए बिहार से आये 02 शूटर भी हरिद्वार में हथियार के साथ पकड़े गए हैं जो कि एक बड़ी साजिश को अंजाम देने जा रहे थे लेकिन इसे सएसटीएफ ने नाकाम कर दिया है। एक अन्य गैंग का सदस्य भी बहादराबाद में हथियार के साथ स्पेशल टास्क फोर्स टीम ने पकड़ा है।

रेकी कर के सूचना उपलध कराने और बदमाशों को शरण आदि दिलाने में मंगलौर से एक आरोपी को भी हिरासत में लिया गया है। ये गैंग एक्सटॉर्शन के लिए हमले की तैयारी में था। यह सारा खेल और साजिश जेल के अंदर से चल रही थी।

डीजीपी ने जानकारी दी है कि बदमाश अब्दुल कलीम जेल से गैंग को ऑपरेट कर रहा था। जेल से सिम और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। इसको देखते हुए जेल में ही किसी अधिकारी कर्मचारी के मिलीभगत की आशंका है। क्योंकि यह काम बिना किसी मिलीभगत के संभव नही है।

बड़ा सवाल जेल प्रशासन द्वारा आरोपियों की तलाशी पर उठ रहा है कि क्या जेल प्रशासन द्वारा किसी भी आरोपियों की तलाशी नहीं ली गई थी जो कि उनके पास से सिम और फोन बरामद हुआ है। इसको देखते हुए कहीं ना कहीं इसमें जेल के अंदर किसी की बड़ी मिलीभगत की बू आ रही है। और इस खुलासे के बाद अब जेल प्रशासन और जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर ऐसे जेल प्रशासन बदमाशों के साथ मेलजोल बढ़ा रहा है जिससे जनता की सुरक्षा पर खतरा बढ़ रहा है.

डीजीपी ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि हरिद्वार के व्यापारी से सभी आरोपी अवैध वसूली करने जा रहे थे। जेल ड्राइवर की संलिप्तता के चलते उसको अरेस्ट किया गया है। ड्राइवर के खाते में 10 लाख रुपये ट्रांसफर किए जाने की बात सामने आई है। इस खुलासे ने पुलिस को भी हैरानी में डाल दिया है क्योंकि यह काम जेल के अंदर किसी के मिलीभगत के बिना असंभव है। इसीलिए कहीं ना कहीं इसमें जेल के अंदर ही किसी अधिकारी कर्मचारी की मिलीभगत की आशंका है। इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

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