देहरादून : दून में एक गजब का मामला सामने आया है जिसमे पुलिस की पढ़ने में हुई चूक के कारण एक लावारिस का 8 दिन बाद अंतिम संस्कार हुआ जी हां बता दें कि मृत की मौत कोमा के कारण हुई थी जबकि पुलिस ने रिपोर्ट में कोमा को कोरोना पढ़ लिया औऱ सोचा की अंतिम संस्कार तो स्वास्थ्य विभाग करेगा और शव 8 दिन तक कोरोनेशन अस्पताल की मोर्चरी में रखा रहा। पुलिस की गलती पकड़ में आने के बाद गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया।
दरअसल, 12 जनवरी को 55 वर्षीय एक व्यक्ति को पुलिस ने कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया था। एक दिन बाद उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन की ओर से डालनवाला कोतवाली में पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया कराने को पीआइ (पुलिस इंफोर्मेशन) भेजी गई, लेकिन कोतवाली पुलिस ने पीआइ में कोमा से मौत को कोरोना से मौत पढ़कर मान लिया कि अंतिम संस्कार स्वास्थ्य विभाग कराएगा। जब कई दिन तक पुलिस नहीं पहुंची तो मोर्चरी के कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन को इसकी सूचना दी। जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस से बात की। मामला साफ होने पर दो सिपाही अस्पताल पहुंचे और कागजी कार्रवाई शुरू की। गुरुवार को कोविड टेस्ट एवं पोस्टमार्टम के बाद लावारिस के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि लावारिस की मौत कोमा में चले जाने की वजह से हुई थी। पुलिस को पीआइ भेजी गई थी। पुलिस को पीआइ पढऩे में कुछ गलती हो गई, जिस वजह से अंतिम संस्कार में देरी हुई। दोबारा संपर्क करने पर पुलिसकर्मी आए और तमाम प्रक्रियाएं पूरी की। उधर, डालनवाला कोतवाली के इंस्पेक्टर मनिभूषण श्रीवास्तव का कहना है कि पुलिस को लावारिस की मौत कोरोना से होने की जानकारी थी। ऐसे मामलों में अंतिम संस्कार स्वास्थ्य विभाग ही कराता है।