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“विकलांग होना नहीं है कमजोरी की निशानी”– अंशुल वर्मा

"विकलांग होना नहीं है कमजोरी की निशानी"– अंशुल वर्मा

ज्योती यादव, डोईवाला। डोईवाला के लच्छीवाला निवासी अंशुल वर्मा ने एक हाथ और एक पैर से विकलांग होने के बावजूद कर दिखाया एक बेहतरीन कारनामा 2 जुलाई 2024 को साइकिल पर सवार होकर लच्छीवाला के प्रसिद्ध शिव मंदिर से अपनी यात्रा की शुरुआत करते हुए सबसे पहले हरिद्वार ऋषिकेश होते हुए बद्रीनाथ धाम,केदारनाथ धाम,वासु धरा,धारी देवी तुंगनाथ होते हुए 29 जुलाई को लच्छीवाला वापस पहुंचे।

सकुशल घर पहुंचने पर क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने अंशुल वर्मा को फूल माँलाये पहना कर बुके देकर और अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

अंशुल वर्मा ने कहा कि “विकलांग होना नहीं है कमजोरी की निशानी” बताया कि यात्रा के दौरान उन्हें कभी भी यह महसूस नहीं हुआ कि वह विकलांग है मंदिरों में तथा रास्ते में उनको लोगों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।

स्वागत करने वालों में ईश्वर चंद्र अग्रवाल, प्रेम सिंह,बॉबी शर्मा,नरेंद्र नेगी,निर्मला देवी, फूलचंद, दीप्ति, संजना,रीता नेगी, निर्मला, संतु गुरंग, नीरज प्रजापति आदि क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।

 

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