ये होगी व्यवस्था
1. (क) कोई भी व्यक्ति, स्वयं या किसी और के माध्यम से जानवूझाकर या अनजाने में निम्नलिखित प्लारिटिक/ थर्मोकोल / र्टायरोफोग सामान के क्रय, विक्रय, उत्पादन, आयात, भण्डारण, ले जाना, उपयोग व आपूर्ति सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य में नहीं करेगा।
– (एक) किसी भी आकार, मोटाई, माप व रंग के प्लास्टिक कैरी वैग (हैडल के साथ अथवा बिना हेलल के) और नॉन बोवन पॉली प्रोपाईलिन बैग।
(तीन) एकल उपयोग खाद्य पदार्थ के पैकेजिंग कन्टेनर चाहे किसी भी आकार, माप, प्रकार क रंग के हो, जो पुन चक्रित प्लास्टिक से बने हो व जो खाद्य / तरल पदवार्थ की कन ले जाने व भण्डारित करने में उपयोग होता हो।
नोट: कम्पोस्टेबल प्लास्टिक भारतीय मानक 15 17088:2008 की पुष्टि करेगा। बायो कम्पोस्टेबल प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माता या विक्रेता विपणन या विक्रय से पहले केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस हेतु सहमति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा।
ख) कोई भी व्यक्ति जानते हुये या अन्यथा की दशा में सार्वजनिक स्थल में किसी भी प्रकार के प्लास्टिक को, जो कि इस अधिसूचना में अनुमन्य प्लास्टिक है, को नही फेंकेगा।
2. धार्मिक स्थलों व संस्थानों, सिनेमाघरों मॉल, होटल और रेस्तरां कैफे मोबाईल फूड काउन्टर या वैन, कॅटरर्स और अन्य स्थानों जैसे शादी या पार्टी हॉल, दफ्तर व संस्थान या आउटडोर ईवेन्ट के स्वामी और प्राधिकरण उक्त उपबंधों का कडाई से अनुपालन करने हेतु उत्तरदायी होंगे। इसके साथ-ही-साथ उनके द्वारा जनित प्लास्टिक अपशिष्ट के एकत्रण हेतु उनके परिसर में स्थान उपलब्ध कराया जायेगा व प्लास्टिक के एकत्रण के पश्चात उसको उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पंजीकृत रिसाईक्लरस को पुर्नचक्रण हेतु भेजा जायेगा ।
3 बोतलबन्द पानी व शीतल पेय हेतु ( पीईंटी/पीईटीई) बोतलो के उत्पादकर्ता विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के तहत् परस्पर सहमत नियमों और शर्तों के अन्तर्गत एक ही खुदरा बिक्री नेटवर्क के माध्यम से क्रमशः पॉलेथिन टेरेफ्थलेट की बोतलों और प्लास्टिक अपशिष्ट को वापस लेंगे अथवा उनके उत्पाद द्वारा जनित प्लास्टिक अपशिष्ट के एकत्रण, परिवहन व सुरक्षित निस्तारण हेतु स्थानीय प्राधिकरण (नगर निकाय / ग्राम पंचायत ) द्वारा किये गये खर्चों का भुगतान उनके द्वारा आवश्यक रूप से किया जायेगा।
4. ऐसी सभी उत्पादन इकाईयाँ जो बिन्दु संख्या-1(क)(एक) से बिन्दु संख्या-1(क) (तीन) में निर्दिष्ट उत्पाद बना रहीं हैं, उनको इस अधिसूचना के जारी होने तिथि के छ: माह के भीतर उपरोक्त उत्पादों का उत्पादन बन्द करना होगा।
5 उपरोक्त उपबंधो के उल्लंघन की दशा में निम्नानुसार जुर्माना आरोपित किया जायेगाः
उल्लंघनकर्ता
उत्पादकर्ता
परिवहनकर्ता
खुदरा विक्रेता/ विक्रेता
व्यक्तिगत उपयोग
जुर्माने की धनराशि
रू. 5.00 लाख
रू. 2.00 लाख
रू. 1.00 लाख
रू. 100/-
पुनः उल्लंघन में पाये जाने की दशा में सम्बन्धित उल्लंघनकर्ता पर उपरोक्त का दोगुना अर्थदण्ड आरोपित किया जायेगा।
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6. निम्नलिखित अधिकारी निर्देशों के कार्यान्वन और जुर्माना आरोपित करने हेतु अधिकृत होगे:
1. जिलाधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी. जो तहसीलदार के पद से नीचे का ना हो। 2. नगर आयुक्त/स्थानीय निकायों के कार्यकारी अधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी जो
कि सैनेट्री सुपरवाईजर के पद से नीचे का ना हो।
3. पुलिस अधीक्षक या उनके द्वारा नामित अधिकारी, जो दरोगा के पद से नीचे का ना हो। 4. प्रभागीय वनाधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी, जो रेंज अधिकारी से नीचे का पद ना
हो। 5. आयुक्त, टैक्स विभाग या उनके द्वारा नामित अधिकारी. संयुक्त आयुक्त से नीचे का पद ना
हो।
6, आयुक्त, परिवहन विभाग या उनके द्वारा नामित अधिकारी, संयुक्त आयुक्त से नीचे का पद ना धारण करता हो।
7. क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या उनके द्वारा नामित अधिकारी, सहायक अभियन्ता से नीचे का पद ना हो।
7. उपरोक्त अधिकृत अधिकारियों द्वारा एकत्र किये जाने वाले जुर्माने को सीधे उत्तराखण्ड शासन के वित्त विभाग में “अन्य प्राप्ति मद में जमा करायी जायेगी।