ज्योती यादव,डोईवाला। नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह पर्व धूमधाम से बनाया गया। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को लेकर जिसे देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु को चार माह की निद्रा से पूजा अर्चना कर जगाया जाता है।
इसी दिन से शुभ कार्य का आरंभ हो जाता है,और साथ ही तुलसी पूजा का विशेष महत्व है पूर्व ब्लॉक प्रमुख नगीना रानी और कंचन गुप्ता ने बताया कि भगवान विष्णु को शाम के समय विधि विधान से पूजा कर भजन कीर्तनकर और वाद्य यंत्र बजाकर उन्हें जगाया जाता है हिंदू संस्कृति मे देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह के इस दिन को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है मिस्सरवाला की श्रद्धालु ज्योति महावर और अनीता गुप्ता ने बताया कि तुलसी विवाह दीपावली के बाद आने वाली पहली एकादशी तिथि को मनाया जाता है यह पर्व केवल तुलसी के पौधे के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है बल्कि उन्हें पर्यावरण और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का प्रतीक भी माना जाता है तुलसी विवाह एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व जिसमें तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह संपन्न कराया जाता है।