संवाददाता(देहरादून) : राज्य की आर्थिकी के लिहाज से बेहद अहम पर्यटन इंडस्ट्री को कोरोना काल में झटका लगा। लेकिन राज्य में प्रवेश की बदली गाइडलाइन्स व लॉंग वीकेंड पर जुटी पर्यटकों की भारी भीड ने सरकार से लेकर होटल इंडस्ट्री को अच्छे संकेत दिये है। हरिदार से लेकर केदारनाथ तक समझ से परे और कल्पना से अधिक यात्री श्रद्धालू पंहुचे है। केदारनाथ मे देवस्थानम बोर्ड से तय यात्रियों से अधिक संख्या में यात्री पंहुच गये है। अब सोशळ मीडिया के जरिये पर्यटकों को सूचित करने के साथ ही भीड बढने की स्थिति में ऋषिकेश श्रीनगर में इन्हे रोकने की तैयारी है।
राज्य के नैनीताल मसूरी हरिदार व केदारनाथ बद्रीनाथ जैसे अहम पडाव यात्रियों से गुलजार है तो इसका असर यात्रा मार्ग से लेकर मुख्य मार्गों पर भी दिख रहा है। राज्य देवस्थान बोर्ड के आंकड़े स्वयं ही यात्री बढने की तस्दीक कर रहे है। अब देवस्थानम बोर्ड दारा तय किये गये संख्या से अधिक यात्री पहाड में धामों तक पंहुच गये है। केदारनाथ,बद्रीनाथ में 3 3 हजार यात्रियों की संख्या निर्धारित है। लेकिन अकेले केदारनाथ में ही चार हजार से अधिक श्रद्धालू पंहुच गये है। गंगोत्री में 9000 व यमुनोत्री में 700 यात्रीयों का प्रतिदिन का कोटा निर्धारित है।
मसूरी नैनीताल ऋषिकेश टिहरी के ज्यादातर होटल पैक है। आईजी गढवाल अभिनव कुमार ने बताया कि राज्य में पर्यटकों का भारी तदाद में आना शुभ संकेत है लेकिन व्यवस्थायें कोविड के हिसाब से रखा जाना जरूरी है। आज से व्यवस्था की जा रही है कि राज्य में आ रहे यात्रियों को सूचना पंहुचे कि उन्हे पंजीकरण व नियमित संख्या में आना है। प्रदेश के धामों में भीड बढने की दिशा में ऋषिकेश व श्रीनगर में यात्रियों को रोका जा सकता है। धामों में प्रवेश से पहले चयनित स्थानों पर भी लोगों को रोका जा सकता है। जो लोग कोविड के कारण दर्शन करने नही आ सके ऐसा अनुमान है दीपावली से पूर्व धाम बंद होने तकऔर भी अधिक संख्या में श्रद्धालू आ सकते है लिहाजा व्यवस्था पर फोकस करना जरूरी है।