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 भगोड़े अपराधी को पकड़कर कोई भी सौंप सकता है थाने में – दिल्ली हाईकोर्ट

The High Court has directed the Delhi Police and the CBI to set up a special cell in four weeks to nab the fugitive criminals. Along with this, the court has asked the Delhi Police to prepare a digital surveillance system so that digital data of various government departments, telecom companies and banks can be checked through this system. Not only this, he said that any person can nab the fugitive criminal and immediately hand him over to the nearest police station. Justice JR Midha, in his 187-page judgment, has asked the Delhi Police and the CBI to check all social media accounts and email IDs of any accused while arresting them. Apart from this, they have also been instructed to keep a copy of any two identity cards from their photograph and PAN card, Aadhar card, passport, driving license. The court said that in order to nab the absconding criminal, his photo, name and address, etc., should be uploaded on the website of the legal agencies of the states other than the concerned state so that it helps in nabbing him. He directed the Delhi Police as well as the CBI to set up a special cell to trace the criminals declared absconding. Apart from this, the process of confiscation of their movable and immovable properties should be started. The court gave this direction while issuing guidelines in declaring an accused as an offender.

उच्च न्यायालय ने भगोड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस और सीबीआई को चार सप्ताह में स्पेशल सेल बनाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने दिल्ली पुलिस को डिजिटल सर्विलांस सिस्टम तैयार करने को कहा है ताकि इस सिस्टम के जरिए विभिन्न सरकारी महकमो, दूरसंचार कंपनियों और बैंकों के डिजिटल डाटा की जांच की जा सके। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति भगोड़े अपराधी को पकड़ सकता है और उसे तुंरत नजदीकी पुलिस स्टेशन में सौंप दे।

न्यायमूर्ति जेआर मिढ्ढा अपने 187 पृष्ठो के फैसले में दिल्ली पुलिस और सीबीआई को किसी भी आरोपियों को गिरफ्तार करते वक्त उनके सभी सोशल मीडिया अकाउंट ईमेल आईडी की जानकारी लेने को कहा है। इसके अलावा उनके फोटोग्राफ और पैन कार्ड आधार कार्डपासपोर्ट ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई दो पहचान पत्र की प्रति भी रखने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि फरार अपराधी को पकड़ने के लिए उसकी फोटो, नाम व पता इत्यादि संबंधित राज्य के अलावा अन्य राज्यों की कानूनी एजेंसियों की वेबसाइड पर अपलोड किया जाए ताकि उसे पकड़ने में सहायता मिले।

उन्होंने दिल्ली पुलिस के साथ-साथ सीबीआई को निर्देश दिया कि फरार घोषित अपराधियों का पता लगाने के लिए एक विशेष सेल बनाया जाए। इसके अलावा उनकी चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरु की जाए। अदालत ने यह निर्देश एक आरोपी को अपराधी घोषित करने में दिशा-निर्देश जारी करते हुए दिए।

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