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आंदोलन पर डटे किसानों का किसी भी समझौते इनकार

नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और उन्हें वापस लेने को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन शुक्रवार को 16वें दिन में प्रवेश कर चुका है। 16 दिनों से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसानों ने केंद्र सरकार से किसी भी तरह का समझौता करने से इनकार कर दिया है। केंद्र की तरफ से संशोधन का प्रस्ताव भेजे जाने के बाद किसानों ने इसे मानने से इनकार कर दिया था और कहा था कि अगर सरकार कानून वापस नहीं लेती है तो वो अपना विरोध-प्रदर्शन और तेज करेंगे। वहीं, बीते 7 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर बैठे किसानों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
किसानों की ओर से प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद गुरुवार को उन्होंने किसानों से अपील की थी कि वो सरकार के प्रस्तावों पर विचार करें और अपना आंदोलन खत्म् करें। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। हालांकि, किसानों ने अपना रुख बदलने से इनकार कर दिया है।
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत के मुताबिक अगर केंद्र सरकार हमारी 15 में से 12 मांगों पर सहमत है तो इसका मतलब है कि कानून सही नहीं हैं। किसान नेता तीनों कानूनों को रद्द करने पर ही अड़े हुए हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि वह दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करेंगे। इसे लेकर हरियाणा पुलिस अलर्ट हो गई है।
किसानों द्वारा जयपुर हाईवे एनएच-48 ब्लॉक करने के ऐलान के बाद भारी पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। 2 हजार से अधिक पुलिस कर्मी एनएच-48 पर मोर्चा संभालेंगे। किसानों के साथ विभिन्न संगठनों द्वारा 12 दिसंबर को किए गए आंदोलन तेज करने के आह्वाहन पर जिला प्रशासन और पुलिस व्यवस्था मुस्तैद रहेगी।

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